रिपोर्ट: सत्यम दुबे
मुरादाबाद: कोरोना महामारी के दूसरे लहर ने देश में हाहाकर मचाया दिया है, लगातार बढ़ रहे संक्रमण से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। महामारी ने इतना भयावह रुप ले लिया है, कि देश में त्राहि-त्राहि मच गया है। महामारी का ऐसा ही एक मामला यूपी के मुरादाबाद जिले से सामने आ रहा है, एक ही अस्पताल में कोरोना संक्रम्रित दो लोगो ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से बड़ी लापरवाही सामने आई है।
आपको बता दें कि अस्पताल प्रशासन से हुई भूल के कारण एक मुस्लिम व्यक्ति का शव हिंदू परिवार को और हिंदू व्यक्ति का शव मुस्लिम परिवार को सौंप दिया गया। मुस्लिम परिवार को लोगो ने अस्पताल से मिले शब को दफना दिया तो वहीं हिंदू परिवार भी लगभग शव का अंतिम संस्कार करने वाला ही था।
मिली जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल को एक 60 साल के हिंदू व्यक्ति और 40 साल के मुस्लिम व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दोनों की मौत बीते हुए सोमवार को हुई। जिसके बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत दोनों ही शवों के अंतिम संस्कार के लिए भेज दिए गए। यहां मुस्लिम परिवार ने उन्हें दिए गए शव को दफन करवा दिया जबकि हिंदू परिवार को दिया गया शव चिता पर रख दिया गया था।
इस मामले में मृतक हिंदू व्यक्ति के साले ने बताया कि हमें पीपीई किट में लपेटकर डेड बॉडी दी गई थी। हमने अस्पताल के अधिकारियों से अनुरोध किया था कि हम शव को देखना चाहते हैं लेकिन उन्होंने मना कर दिया। श्मसान में उन्होंने शव को लगभग चिता पर रख ही दिया था कि तभी हमने महसूस किया कि ये बहुत हल्का है। इसी दौरान किसी ने दूर से चेहरे की झलक देखी तो पाया कि शव किसी और व्यक्ति का है। जिसके बाद ये शव मुस्लिम परिवार को सौंप दिया गया, जबकि हिंदु मृतक का शव कब्र में से निकालकर हिंदू परिवार को दिया गया।
आपको बता दें कि कोविड महामारी से जान गंवाने वाले लोगो के शव को पीपीई किट में परिवार को सौंपा जाता है। इसके साथ ही सीधा अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है। जिससे यह बड़ी भूल हुई।