नई दिल्ली : तकरीबन दो साल पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों के सुरक्षा की लिहाज से ‘दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली’ और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर एयर कूरियर सर्विस सेवा शुरू की थी। जिससे वे दुबारा इस तरह के हमले का शिकार न हो। लेकिन अब एक बार फिर इन जवानों पर संकट के बादल मंडराने लगे है।
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान अब नए सिरे से जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने का प्रयास कर सकता है। इसे लेकर वो फिर आतंकी संगठन के साथ मिलकर पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम दे सकता है। अब जबकि पुलवामा हमले के बाद सरकार द्वारा शुरू की गई हवाई यात्रा पर रोक लगा दी गई है। उससे सुरक्षा बलों की सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 अगस्त के बाद ‘दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली’ और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर एयर कूरियर सर्विस (सस्पेंशन) रोक दी है। दो साल पहले ‘पुलवामा’ में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद जम्मू-कश्मीर में जवानों के सड़क मार्ग से गुजरने वाले ‘काफिले’ पर रोक लगा दी गई थी। सुरक्षा बलों को हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई।
केंद्रीय सुरक्षा बलों के सूत्रों का कहना है, हवाई सेवा को 31 अगस्त 2021 के बाद जारी रखने की मंजूरी नहीं मिल सकी है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही अवगत करा दिया गया था। मंत्रालय के अधिकारियों को यह सूचना दे दी गई थी कि हवाई सेवा की पांच माह की मंजूरी अवधि 01 अप्रैल 2021 से 31 अगस्त 2021 को खत्म हो रही है। 31 अगस्त के बाद एयर कूरियर सर्विस बंद हो जाएगी। आगे की अवधि की एक्सटेंशन के लिए गृह मंत्रालय को लिखा गया था। यह एक्सटेंशन सात महीने की अवधि के लिए यानी एक सितंबर से लेकर 31 मार्च 2022 तक दी जानी थी। अगर टेंडर प्रक्रिया की अवधि पहले खत्म हो जाती है तो एयर कूरियर सर्विस भी उसी समय से बंद मानी जाएगी। देश के बड़े अर्धसैनिक बल की तरफ से मंत्रालय को इस बाबत दो बार सूचित किया गया। पहली बार तीन अगस्त 2021 को मंजूरी के लिए आवेदन पत्र गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था।
पहले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। चूंकि मामला केंद्रीय बलों के जवानों की सुरक्षा से जुड़ा था, इसलिए सुरक्षा बल इसे लेकर कोई लापरवाही या ढिलाई नहीं बरतना चाहते थे। 24 अगस्त को दोबारा से गृह मंत्रालय को सूचित किया गया है कि एयर कूरियर सर्विस को आगे की अवधि के लिए स्वीकृति प्रदान की जाए। इसके बाद 31 अगस्त बीत गया, लेकिन फाइल को मंजूरी नहीं मिल सकी। मजबूरन, सुरक्षा बलों को यह आदेश निकालना पड़ा कि अब ‘दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली’ और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर एयर कूरियर सर्विस रोक दी गई है।
एक सितंबर 2021 से आगामी आदेशों तक यह सेवा बंद रहेगी। सुरक्षा बलों के एक अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारी बड़ा जोखिम मोल ले रहे हैं। उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि पुलवामा हमला कैसे हुआ था। सुरक्षा बलों के ‘काफिले’ पर वैसे हमले न हों, इसलिए उन्हें हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी। तभी से इस सेवा को आगे बढ़ाया जाता रहा है। बीएसएफ को इस सेवा की नोडल एजेंसी बनाया गया था।
वहीं मंत्रालय के सूत्रों का कहना है, इस बाबत आला अफसरों की तरफ से ही सर्कुलर जारी करने का आदेश नहीं मिला है। वे इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं।