रिपोर्ट: नंदनी तोदी
हरिद्वार: उत्तराखंड में कोरोना का कहर बढ़ गया है। जहा एक तरफ सरकार सामाजिक दूरी को लेकर दबाव सकल रही है, वही दूसरी ओर कुम्भ में धर्म और आस्था में डूबे लोगों को कोरोना का कोई डर नहीं है।
अब महाकुंभ स्नान के बाद अब हरिद्वार में खतरा मंडराने लगा है। आपको बता दें, बीते 12 से 14 अप्रैल तक हुए तीन स्नान के दौरान गंगा में 49 लाख 31343 संतों और श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। जिसके बाद जिले में 1854 पॉजिटिव मरीज मिले, जो गुरुवार को बढ़कर 2483 पहुंच गए। और अब कई संत और श्रद्धालु बीमार भी हैं।
उधर रुड़की विवि के वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ भी शाही स्नान के बाद आये सामने मामलो पर अपनी चिंता जाता रहे हैं। उन्हें डर है कि कही संक्रमण का फैलाव कई गुना ना बढ़ जाएं। वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना का वायरस ड्राई सरफेस की तुलना में गंगा के पानी में अधिक समय तक एक्टिव रह सकता है। गंगा का पानी बहाव के साथ वायरस बांट सकता है।
विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि संक्रमित व्यक्तियों के गंगा स्नान और लाखों की भीड़ जुटने का असर आगामी दिनों में महामारी के रूप में सामने आ सकता है।
आपको बता दें, अभी तक करीब 40 संत कोविड पॉजिटिव आ चुके हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि भी कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में हैं। वही महामंडलेश्वर कपिल देव दास की संक्रमण से मौत हो चुकी है।