संसद के दोनों सदनों से पास होने के पास अब कृषि कानून ने मूर्त रूप ले लिया है वहीं अब कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष देश भर में इस कानून को विरोध कर रहा है। खुद राहुल गांधी भी इस मामले को जोर शोर से उठा रहे है और सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से सरकार की कमियों को उजागर कर रहे है।
वही अब संसद से शुरु हुआ यह मामला कोर्ट चला गया है। दरअसल केरल में कांग्रेस से सांसद टीएन प्रथापन ने कृषि कानून के विभिन्न प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की है।
कृषि क़ानून हमारे किसानों के लिए मौत की सज़ा हैं। उनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है।
ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है। pic.twitter.com/2q1fyQ4wiP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 28, 2020
उन्होंने आरोप लगाया है कि मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 द्वारा समानता का अधिकार व भेदभाव का उल्लंघन है।
कांग्रेस सांसद द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया कि किसानों को मौसम पर निर्भरता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं आपको बताते चले की इससे पहले राहुल गांधी ने भी ट्वीट करते हुए इस कानून को किसान विरोधी बताया है।
शहीद भगत सिंह ने कहा था कि शोषणकारी व्यवस्था पूंजीपतियों के फायदे के लिए किसानों मजदूरों का हक छीनती है।
भाजपा सरकार अपने खरबपति मित्रों के लिए किसानों की MSP का हक छीनकर उन्हें बंधुआ खेती में धकेल रही है।
किसान विरोधी बिलों के खिलाफ संघर्ष ही #भगत_सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि है। pic.twitter.com/BJNeJRMaYL
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 28, 2020
वही प्रियंका गाँधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, शहीद भगत सिंह ने कहा था कि शोषणकारी व्यवस्था पूंजीपतियों के फायदे के लिए किसानों मजदूरों का हक छीनती है। भाजपा सरकार अपने खरबपति मित्रों के लिए किसानों की MSP का हक छीनकर उन्हें बंधुआ खेती में धकेल रही है।