रिपोर्ट: सत्यम दुबे
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेशवासियों के हित में लगातार एक्शन ले रहें हैं। धामी सरकार आमजन की समस्याओं के जल्द निवारण के लिए नो ‘पेंडेंसी’ की नीति पर काम कर रही है। सरकार विकास की योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव को भी आमजन तक पहुंचाने के लिए कई प्रयास कर रही है। सरकार का ध्यान अब नो पेंडेंसी नीति पर भी है।
सरकार नो पेंडेंसी नीति के तहत चाह रही है कि आम आदमी की समस्याओं का तहसील स्तर पर ही निराकरण हो सके और उसे जिला मुख्यालय अथवा शासन के चक्कर न काटने पड़ें। धामी सरकार की यह पहल सराहनीय मानी जा रही है। सूबे में यह व्यवस्था काफी समय से चली आ रही है। लेकिन सिस्टम की ओर से इन कार्यक्रमों को अधिक तवज्जो न दिए जाने के कारण ये औपचारिकता तक सिमटते चले गए।
प्रदेश में तहसील दिवस पर हर तहसील में फरियादियों की भीड़ उमड़ती है। लोगो की समस्याएं सुनी भी जाती हैं। सरकार अब इस मामले में और गंभीरता चाह रही है। अगर दूरदराज क्षेत्रों के निवासियों की विभिन्न समस्याओं का निदान तहसील स्तर पर ही हो जाए तो उन्हें जिला स्तरीय अधिकारियों या फिर शासन की चौखट पर एड़ियां रगड़ने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
इसके साथ ही फरियादियों के धन और समय की बचत होगी। इसे देखते हुए विभागीय अधिकारियों को भी चाहिए कि वे तहसील दिवस को गंभीरता से लें, क्योंकि फरियादी आस लेकर ही इन कार्यक्रमों में पहुंचते हैं। आपको बता दें कि तहसील दिवस में आने वाली समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई करने की जरुरत है। इतना ही नहीं तहसील दिवस के व्यापक प्रचार-प्रसार का भी अभाव नजर आता है। जिसका प्रचार प्रसार कर लोगो को जागरुक करने की आवश्यकता है।