रिपोर्ट: सत्यम दुबे
गाजियाबाद: पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक अल्पसंख्यक समुदाय का युवक एक मंदिर में पानी पीने के लिए मंदिर परिसर में गया था। जिसके बाद वहां उपस्थित कुछ लोंगो ने युनक की पिटाई कर दी थी। सोशल मिडिया पर लोग वायरल इस विडियो पर अपनी-अपनी राय रखने लगे। मामला वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी श्रृंगी यादव को 13 मार्च की रात गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार को श्रृंगी यादव को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
जमानत पर रिहाई के बाद बाहर आये श्रृंगी ने बड़ा खुलासा किया है। श्रृंगी ने सुदर्शन न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि वो लड़का झूठ बोल रहा है। श्रृंगी ने आगे बताया कि मंदिर में कई शिवलिंग विराजमान है। उस लड़के को शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल में पेशाब करते हुए देखा था। इसके साथ ही श्रृंगी ने कहा कि अगर उसे पानी पीना होता तो वो मंदिर के बाहर कई चापाकल और नल हैं, उनमें से पी लेता।
हर हर महादेव मेरे बच्चों
जगदम्बा महाकाली माँ डासना वाली देवी मंदिर की अवधारणा पर अब इसकी बड़ी शुरुआत हो चुकी है ।
हमारे धर्मिक स्थलों में गौमाँस भक्षक” सभी मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है । pic.twitter.com/3gop1JlZos— NARSINGH VANI / Yati Narsinghanand Sarswati (@NarsinghVani) March 18, 2021
आपको बता दें कि डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बोर्ड लगवाकर लिखवाया है कि यह मंदिर हिन्दुओं का पवित्र स्थल है, यहाँ मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। इसपर उन्होने कहा कि हर मंदिरों पर ऐसे बोर्ड होने चाहिए, क्योंकि जिनका मंदिर में कोई काम ही नहीं है तो उनको प्रवेश ही क्यों करने दिया जाय। नरसिंहानंद सरस्वती की यह पहल अब सार्थक हो रही है।
डासना देवी मंदिर की ही तरह कई और मंदिरों पर भी अब ऐसे ही बोर्ड लग गए हैं, जिसकी तस्वीरें खुद नरसिंहानंद ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है, इसके अलावा ट्विटर पर ‘हर मंदिर पर बोर्ड लगेगा’ टॉप ट्रेंड कर रहा है, इस ट्रेंड के माध्यम से लोग हर मंदिर पर डासना जैसा ही बोर्ड लगानें की वकालत कर रहे हैं।
इस मामले में राजनीति भी गर्माती दिख रही है। इस मामले में स्थानीय बहुजन समाजवादी पार्टी के विधायक असलम चौधरी ने कहा कि “कोई भी धार्मिक स्थल हो, उन पर सभी का अधिकार होता है। लेकिन माफिया व अपराधिक प्रवृत्ति के लोग अमन बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वो सबसे पहले डीएम, एसपी को लिख कर उस बोर्ड को हटवाएँगे, जिस पर ‘यहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है’ लिखा है।“