रिपोर्ट: सत्यम दुबे
अयोध्या: आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और सपा नेता पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने आरोप लगाया है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार हुआ है। इस आरोप के बाद सूबे में सियासत के लिए एक नया मुद्दा मिल गया है। विपक्षीय पार्टियां लगातार हमलावर हैं। भ्रष्टाचार के आरोप के बाद रविवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सफाई देते हुए कहा जो आरोप लगे हैं उनकी मैं स्टडी करूंगा।
इन सब के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की जमीन खरीद से जुड़े विवाद पर जिले के अधिकारियों से पूरा ब्यौरा मांगा। अधिकारियों ने उन्हें जमीन से जुड़े कागजात भी दिखाए हैं। राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन की कीमत पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। मीडिया खबरों की मानें तो विवाद बढ़ता देख सीएम योगी ने सोमवार को अयोध्या के डीएम और कमिश्नर से पूरा ब्यौरा मांगा।
आपको बता दें कि अधिकारियों ने उन्हें पूरी जानकारी दी, जमीन से जुड़े कागज दिखाए। योगी आदित्यनाथ जानकारी से संतुष्ट हैं। श्रीरामजन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि, ‘इस जमीन की कीमत 1,423 रुपये प्रति स्क्वायर फीट है, जोकि मार्केट रेट की तुलना में काफी कम है। सरकारी टैक्स का दुरुपयोग न हो इससे बचने के लिए हमने नेट बैंकिंग से पैसे का लेनदेन किया। जमीन घोटाले के आरोप गलत हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने आरोप लगाए उन्होंने हमसे बात करने की जरूरत भी नहीं समझी। लोगों को इन आरोपों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। जनता सहयोग करे ताकि समय पर मंदिर निर्माण पूरा हो।
आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और अयोध्या के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी नेता पवन पांडे ने लगाया है। आरोप है कि जमीन का सौदा पहले 2 करोड़ रुपये में तय हुआ लेकिन इसे 18.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया।