उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रदेश में पहली बार शुक्रवार को लोकभवन में राज्य के सभी चकबंदी अधिकारियों की ऐतिहासिक समीक्षा बैठक का आयोजित की गई। इस बैठक दौरान उन्होंने जिलेवार समीक्षा करते हुए चकबंदी अधिकारियों से उनके जिले का हाल जाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, कई गांवों में 25 साल से चकबंदी के मामले लंबित हैं। इतने समय तक मामले को लंबित रखने का मतलब एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद की और ले जाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि, अधिक पारदर्शी तरीके से गरीब-अमीर का चक बटेंगा तो कोई आपत्ति नहीं करेगा।
सीएम ने आगे कहा कि,चकबंदी प्रक्रिया के दौरान गौचर स्थल, खलिहान, खेल के मैदान और गांवों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए स्थान छोड़ें। 6 महीने के अंदर टारगेट बनाकर काम करें और विभाग की छवि बदलने की कोशिश करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, चकबंदी के 28 और चकबंदी अधिकारियों के 235 न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया को तेजी से करना का प्रयास करें।