रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: योगी सरकार ने नीति और रणनीति की ही देन है कि देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी दम तोड़ता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में महामारी पर लगाम लगाने के लिए ट्रैक, टेस्ट तथा ट्रीट का मॉडल दिया था। जिसके आधार पर महामारी पर लगाम लगाने की कोशिश की गई। इसी का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के एक्टिव केस पांच हजार के नीचे आ गए हैं।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी का दूसरा लहर जहां देश में अब भी कई जगह कोहराम नचाया है, तो वहीं दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में महामारी पर लगाम लगाने में सफलता मिली है। सूबे में अब कुल एक्टिव केस 4957 हैं, यानी पांच हजार के नीचे। प्रदेश में शुक्रवार को दो लाख 73516 टेस्ट के बाद 294 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 592 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले 3350 लोगों को काफी आराम है।
जबकि बात करें रिकवरी रेट की तो सूबे में रिकवरी रेट बढ़कर 98.40 हो गया है। ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट भी 3.10 प्रतिशत है। इसके साथ ही बीते 24 घंटे का पॉजिटिविटी रेट अब 0.09 प्रतिशत है। देश में सबसे कम पॉजिटिविटी रेट उत्तर प्रदेश में है। बीते सप्ताह में केरल का पॉजिटिविटी रेट 11.8, गोवा का 12.2, महाराष्ट्र का 4.6, आंध्र प्रदेश का 6.1 और तमिलनाडु का सात प्रतिशत है।
सूबे के 75 में से 40 जिलों में कोरोना से संक्रमित 200 से कम एक्टिव केस हैं। केवल राजधानी लखनऊ में ही सबसे ज्यादा 384 एक्टिव केस हैं। वहीं प्रदेश के पांच जिलों में अब 10 से भी कम हैं। कौशांबी व हमीरपुर में दो-दो, महोबा में तीन, चित्रकूट में पांच और कासगंज में नौ संक्रमित हैं।
बात करें कोरोना टेस्टिंग की तो सर्वाधिक टेस्ट करने में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। प्रदेश कुल 5.5 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं। इसके साथ ही प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का जोर वैक्सीनेशन पर भी है। प्रदेश में अब तक 2.51 करोड़ हो वैक्सीनेशन चुका है। इनमें से भी 55 लाख युवाओं को टीका लगा है।