मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव की इंदौर सीट पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन के अंतिम दिन अपना फॉर्म वापस ले लिया। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस और सपा पर बड़ा हमला बोला है। मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि मैंने पहले ही कहा था, मध्य प्रदेश पूरा मोदी मय हुआ है। वर्तमान में पूरे देश में प्रचंड आंधी चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खासकर मध्य प्रदेश में प्रचंड आंधी चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको मालूम है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने 29 सीटों पर समझौता किया है। 28 सीटें कांग्रेस को दी और एक सीट समाजवादी पार्टी ने ली है। खजुराहो सीट से पहले समाजवादी पार्टी के सदस्य ने अपना नॉमिनेशन फॉर्म वापस लिया या एक तरह से जानबूझकर कर उन्होंने फॉर्म में त्रुटि की है।
ताकि कलेक्टर के ऊपर आरोप लगाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा प्रत्याशी ने एक तरह से विड्रॉ किया। घोषित तरीके से उन्होंने कहा कि प्रशासन ने गलती कर दी, जबकि उसी समय स्पष्ट किया गया था कि जब कोई उम्मीदवार फॉर्म भर के दो-दो जगह हस्ताक्षर नहीं करता तो इसका मतलब यह है कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तब भी कांग्रेस और अन्य लोगों ने कहा कि इन्होंने गलत किया है। जब आज कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी ने प्रदेश अध्यक्ष की नगरी में फार्म जमा किया और आज विड्राल के दिन वापस ले लेता है तो उसमें हम क्या कर सकते हैं..? वह लड़ना ही नहीं चाहते, उनमें दम नहीं बचा। ये लोकतंत्र की ताकत और मोदी जी की लोकप्रियता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा की सदस्यता के लिए आवेदन भी कर दिया है।
हम उसके आवेदन पर विचार कर रहे हैं अगर उसे भाजपा ज्वाइन करना है, तो उसे कराएंगे भी। खास बात यह है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जिस नगर में रहता हो, उस जिले का प्रत्याशी यदि अपनी लोकसभा की टिकट लौटा रहा है, तो इसका मतलब है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा देना चाहिए।
अक्षय कांति बम ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले लिया है यानी अब वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी के सांसद शंकर लालवानी के सामने कोई खास चुनौती नहीं है. हालांकि अब कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है.
शंकर लालवानी ने 2019 में बीजेपी की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार को करीब 5 लाख 47 हज़ार वोटों के ऐतिहासिक अंतर से हराया था. सांसद बनने के बाद, वह लोकसभा में आवास और शहरी मामलों की स्थायी समिति, सदन की बैठक से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सलाहकार समिति, सहकारिता विभाग सलाहकार समिति, उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण परामर्श समिति और एमएसएमई नेशनल बोर्ड के भी सदस्य हैं.
शंकर लालवानी का जन्म 16 अक्टूबर 1961 को इंदौर में हुआ था. उनके पिता जमनादास लालवानी अखंड भारत के विभाजन से पहले इंदौर आए थे. जमनादास लालवानी इंदौर आकर भी आरएसएस में सक्रिय थे. वे जनसंघ पार्टी में थे और सामाजिक कामों में सक्रिय रहते थे. वे कई सालों तक मध्य प्रदेश में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे. शंकर लालवानी की माताजी गोरी देवी लालवानी एक कुशल गृहिणी थीं.
शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की और फिर मुंबई से बी-टेक की पढ़ाई की. बाद में वो फिर इंदौर आकर व्यापार और कंसल्टेंसी में लग गए. 1994 से 1999 तक लालवानी इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे. इसके बाद 1999 से 2004 तक वे 5 वर्ष तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे. 2013 में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए.
सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों की बात करें तो पिछले 25 सालों से वे लोक संस्कृति मंच के माध्यम से मालवा उत्सव, हरतालिका तीज उत्सव, हिंदू नववर्ष पर सूर्य अर्घ्य समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. लालवानी को संसदीय समिति और शहरी विकास समिति का सदस्य बनाया गया है. वो लगातार 2 बार इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे. शंकर लालवानी पार्षद, अध्यक्ष नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में काम किया.
शंकर लालवानी का कहना है कि उनके कार्यकाल में कोविड की कठिन परिस्थितियों के बावजूद इंदौर में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है और जल्द ही इंदौर मेन लाइन पर आ जाएगा. इसके अलावा 3,200 करोड़ के निर्माण कार्यों की स्वीकृति, 1,000 करोड़ के नए इंदौर रेलवे स्टेशन की योजना पर काम शुरू हो गया है.
उन्होंने बताया कि लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के विस्तारीकरण की शुरुआत, इंदौर-खंडवा रेल लाइन के काम में तेजी, राऊ-महू रेल लाइन का दोहरीकरण, इंदौर-दाहोद रेल लाइन के काम में तेजी आई है.
लालवानी ने कहा कि इंदौर-महू-पीथमपुर मेट्रो लाइन की मांग की गई है. इसके साथ ही इंदौर-सांवेर-उज्जैन मेट्रो लाइन की मांग रखी गई है और सर्वे पूर्ण हो गया है. इंदौर-बुधनी-जबलपुर रेल लाइन की स्वीकृति और इंदौर से वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ करना उनकी उपलब्धि रही. सांसद शंकर लालवानी ने अब तक 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि से पेयजल, स्वच्छता और कई विकास कार्यों पर खर्च किए हैं.
1952 नंदलाल जोशी कांग्रेस
1957 कन्हैयालाल खादीवाला कांग्रेस
1962 होमी एफ. दाजी स्वतंत्र
1967 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1971 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1972 (उपचुनाव) राम सिंह भाई कांग्रेस
1977 कल्याण जैन जनता पार्टी
1980 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1984 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1989 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1991 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1996 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1998 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1999 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2004 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2009 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2014 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2019 शंकर लालवानी बीजेपी