बेंगलुरु: मध्य प्रदेश के विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने पत्रकरों से खास बातचीत की। इस दौरान विधायक ने कहा कि, हम लोग बंधक नहीं स्वेच्छा से आए हैं। ये पूरा प्रदेश जानता है कि मध्य प्रदेश की सरकार बनने में कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका थी। सिंधिया को मुख्यमंत्री न बनाकर कमलनाथ को बनाया हमें लगा था कि सब ठीक ठाक रहेगा।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि, जो व्यवहार मुख्यमंत्री कमलनाथ का हमने देखा वह सही नहीं था। साथ ही विधायक ने यह कहा कि, मैं मंत्री रहते कह सकता हूं कि, उन्होंने (सीएम कमलनाथ) कभी भी हमें पंद्रह मिनट भी शांतिपूर्वक नहीं सुना। इसके साथ ही विद्रोही कांग्रेस विधायक इमरती देवी ने भी कहा कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं।
उन्होंने हमें राजनीति करना सिखाया है। मैं जो भी आज हूं सिंधिया की वजह से हूं। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया कहेंगे की कुंए में कूद जाओ तो कुंए में कूदने को तैयार हूं। बता दें कि, प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश के बाद 6 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया।
मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों के नाम, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, परद्युम्न सिंह तोमर और डॉ प्रभुराम चौधरी है। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद से ही मध्यप्रदेश की राजनीति में जमकर उठापटक हो रही है।