गलवान घाटी में मिले चीन के धोखे के बाद भारत ने अब तय कर लिया है की वो चीन का भरोसा नहीं करेगा। इसलिए ना सिर्फ सड़क निर्माण में भारत ने तेजी लाई है बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम को डेप्लॉय किया।
अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए भारत सरकार ने एक और अहम निर्णय लिया है। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने तय किया है कि अब चीनी सीमा पर लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे।
इससे आपातकाल में सैनिकों को तत्काल मदद मिल जाएगी वहीं आसमान से चीन की सेना पर निगाह रखी जा सकेगी।
भारतीय नौसेना के बेड़े में 40 से ज्यादा मिग-29के फाइटर जेट हैं जिन्हें एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया गया है।
भारत ने रूस से ये विमान करीब एक दशक पहले खरीदे थे। इनकी एयर फोर्स बेस पर तैनाती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मौदी के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।