मुंबई: हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा कार्तिक माह की षष्ठी से शुरू हो जाता है। यह पर्व चार दिनों चलता है। इस साल इस पर्व की शुरूआत 8 नवंबर यानी की नहाय-खाय के शुरू होगा। इसके अगले दिन यानी 9 नवंबर को खरना, 10 नवंबर को संघ्या अर्ध्य और अंत में 11 नवंबर को भोरवा अर्घ्य के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा।
शारदा सिन्हा ने लॉन्च किया ये गाना
कोरोनाकाल (Coronavirus) में छठ महापर्व को सुरक्षित मनाना अपने आप में एक चुनौती है। आमतौर पर छठ को किसी नदी या तालाब किनारे सामूहिक तौर पर मनाते हैं। इस वजह से लोगों की काफी भीड़ होती है। अपनी गीत के जरिए शारदा सिन्हा बता रही हैं कि हे! सूरज देवता आप अपनी आंखों को खोलिए और संसार को इस कष्ट से मुक्ति दिलाइए।
दिल जीत लेनेवाले बोल और आवाज में दर्द
अइसन बिपतिया आएल… बरत लगाईं पार…
रऊए से असरा लागल बा… छठि मईया जग के आधार…
बहंगी से भारी समईया… दुख में डूबल संसार…
खोली-खोली अंखिया सूरजदेव कर दिहीं जग उजियार….
गंगा जी के पनियां किरिनिया निहारे…
सूपवा दउरवा के दिया ना पुकारे…दिया ना पुकारे
दूर बइठल ननदी गोतनिया…
कैसे बनी ठेकुआ…कसार…
अइसन बिपतिया आएल… बरत लगाईं पार…
शारदा सिन्हा भी हो चुकी है कोरोना संक्रमित
लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha Chhath Geet) खुद भी कोविड से पीड़ित रहीं हैं। इस दौरान उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। इसलिए कोरोना का दर्द और छठ पर्व के प्रति आस्था का भाव दोनों इस गीत में सुनने को मिल रहा है।
आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छठ पूजा को लेकर बड़ी पहल की है। छठ पूजा के दौरान कोरोना को देखते हुए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा की मदद लेगा। जिससे वे अपने गानों के जरिए लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर सकें। बता दें कि शारदा सिन्हा देश की प्रसिद्ध लोक और शास्त्रीय गायिका है, जिन्हें पद्म भूषण आवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
सुनें शारदा सिन्हा की ये गीत: