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जनता किससे खफ़ा, CAA से या पीएम मोदी से?

जनता किससे खफ़ा, CAA से या पीएम मोदी से?

{ स्वतंत्र पत्रकार प्रणव गोस्वामी की कलम से } नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन इसकी शुरूआत पूर्वोत्तर के राज्यों से हुई थी, जिसके बाद अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से होते हुए दिल्ली के जेएनयू और फिर जामिया तक पहुंची जिसके

शाहीन बाग : प्रदर्शन की आड़ में  बच्चों से लगवाए जा रहे देश विरोधी नारे

शाहीन बाग : प्रदर्शन की आड़ में बच्चों से लगवाए जा रहे देश विरोधी नारे

{ स्वतंत्र पत्रकार प्रणव गोस्वामी की कलम से } NRC और CAA के विरोध में पिछले एक महीने से शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन हो रहा है और अब धीरे धीरे इस आंदोलन की पोल खुलने लगी है, विरोध प्रदर्शन का तरीका देखकर यह साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता है

नागरिकता कानून पर असम के लोगों को जागरूक करने का समय है

नागरिकता कानून पर असम के लोगों को जागरूक करने का समय है

हाल ही में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून 1955 में बदलाव करते हुए नागरिकता देने के नियमों में बदलाव किया है, नये कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए अवैध गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है जिसकी वजह से

शाहीन बाग: आखिर आंदोलन करने वालों की फंडिंग कौन कर रहा है ?

शाहीन बाग: आखिर आंदोलन करने वालों की फंडिंग कौन कर रहा है ?

केंद्र सरकार ने जबसे नागरिकता कानून लागू किया है तबसे देश का विपक्ष भोली भाली जनता को गुमराह करने में लगा हुआ है और इस कानून के खिलाफ देश में कई जगह पर विरोध किये जा रहे हैं, एक तरफ बीजेपी है जो देश भर में रैलियों के माध्यम से

संजय राउत का क्या है दर्द? करीम लाला पर राजनीति क्यों?

संजय राउत का क्या है दर्द? करीम लाला पर राजनीति क्यों?

महाराष्ट्र के पुणे में एक पुरस्कार समारोह के दौरान पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को लेकर दिए गए शिवसेना नेता संजय राउत के एक बयान के बाद सियासी घमासान मच गया है। संजय राउत ने कहा था कि, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पायधुनी (दक्षिण मुंबई का इलाका) में करीम लाला से

किसके इशारे पर आतंकवादियों का साथ देते थे DSP देविंदर सिंह?

किसके इशारे पर आतंकवादियों का साथ देते थे DSP देविंदर सिंह?

जम्मू-कश्मीर पुलिस में डीएसपी देविंदर सिंह कभी एक जाना पहचाना नाम हुआ करता था। जम्मू-कश्मीर की अलग- अलग सरकारों में उन्हें बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां दी गई थी। एक वक्त था जब पुलिस महकमें में देविंदर सिंह का जलवा हुआ करता था। राज्य की विभिन्न सरकारों से उन्हें प्रमोशन मिला, और तो

स्वरा भास्कर, आप कश्मीरी पंडितों  के जख्म क्यों हरे कर रही हैं ?

स्वरा भास्कर, आप कश्मीरी पंडितों के जख्म क्यों हरे कर रही हैं ?

{ स्वतंत्र पत्रकार प्रणव गोस्वामी की कलम से } कुछ पोस्टर महज पोस्टर नहीं होते हैं, वो इंसान के भीतर दबी हुई खतरनाक मंशा का स्वरुप हो सकते है वही किसी विचारधारा के प्रतीक भी लेकिन कई बार हमें इन पोस्टर्स से कोई फर्क नहीं पड़ता है और यही कारण

JNU की लड़ाई अब कश्मीर पर आयी : एजेंडा खुलकर आया सामने

JNU की लड़ाई अब कश्मीर पर आयी : एजेंडा खुलकर आया सामने

कहते हैं कि गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की और भागता है और इस देश में मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ लोगो पर यह बात लागू हो रही है और अब धीरे धीरे सारे देश विरोधी लोग अपने बिल से बाहर आ रहे है

आखिर किसे कातिल बता रहे है मणिशंकर अय्यर !

आखिर किसे कातिल बता रहे है मणिशंकर अय्यर !

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर अक्सर अपने विवादित बयान से कांग्रेस की मिट्टी पलीत करते रहते है और एक बार फिर उन्होंने ऐसा ही एक विवादित बयान दे दिया है जिसका बचाव शायद ही कांग्रेस पार्टी कर पायेगी और ऐसा भी हो सकता है की कांग्रेस हमेशा की तरह

दिल्ली की 12 रिजर्व सीटें मायने रखती है कांग्रेस, आप और बीजेपी के लिए।

दिल्ली की 12 रिजर्व सीटें मायने रखती है कांग्रेस, आप और बीजेपी के लिए।

दिल्ली में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। बीजेपी और कांग्रेस सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को फिर से सरकार में आने से रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। लेकिन दिल्ली के चुनावी इतिहास को अगर देखें तो साफ पता चलता

तब कन्हैया आज आइशी: असली सूत्रधारों पर एक्शन कब लेगी सरकार !

तब कन्हैया आज आइशी: असली सूत्रधारों पर एक्शन कब लेगी सरकार !

5 जनवरी को दिल्ली स्थित JNU विश्वविद्यालय में हुई हिंसा से अब धीरे धीरे पर्दा उठता हुआ नज़र आ रहा है और बेनकाब हो रहे है वो सभी चेहरे जो सड़को पर आकर इस हिंसा के पीछे केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रहे थे और उनकी पूरी कोशिश थी की

पड़ताल: क्या वामपंथी छात्रों के कारण हो रही शिक्षण संस्थानों में हिंसा !

पड़ताल: क्या वामपंथी छात्रों के कारण हो रही शिक्षण संस्थानों में हिंसा !

साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही देश के कुछ कैंपस में हिंसा का माहौल देखा जा रहा है, इसकी शुरुआत हुई थी 9 फरवरी 2016 से जब दिल्ली की JNU यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत कई

बॉलीवुड गैंग की सच्चाई  : CAA पर झूठ फैलाते हुए पकड़े गये अनुराग कश्यप

बॉलीवुड गैंग की सच्चाई : CAA पर झूठ फैलाते हुए पकड़े गये अनुराग कश्यप

नागरिकता संशोधन कानून के पास होने के बाद से ही मीडिया का एक गिरोह और बेरोजगार बॉलीवुड गैंग ने देश में झूठ फैलाना शुरू कर दिया है, जिस CAA कानून से देश के लोगो का लेना देना भी नहीं है उसी कानून पर भोले भोले लोगो को भड़काने का काम

आखिर लाल सलाम वालों पर इतना मेहरबान क्यों है पाकिस्तान ?

आखिर लाल सलाम वालों पर इतना मेहरबान क्यों है पाकिस्तान ?

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को दो गुटों में हिंसा होने की खबर आयी लेकिन देखते ही देखते वामपंथी गिरोह ने और मीडिया के एक वर्ग ने छात्रों के गुस्से का इस्तेमाल सरकार को कमजोर करने के लिये किया, रात होते होते हमले का पूरा आरोप देश के

आखिर कौन है अर्बन नक्सल : समझिये इसके पीछे की रणनीति

आखिर कौन है अर्बन नक्सल : समझिये इसके पीछे की रणनीति

18 अप्रैल 2017 को पुणे पुलिस को एक चिट्ठी बरामद होती है जिसमे प्रधानमन्त्री मोदी का राजीव गाँधी की तर्ज पर हत्या करने की साजिश करने का खुलासा होता है। राणा जैकब द्वारा कॉमरेड प्रकाश को यह चिट्ठी लिखी गयी जिसमे मोदी सरकार को हिन्दू फासिस्ट सरकार बताया जाता है

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