1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. लॉकडाउन की आहट! एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली-पुणे से प्रवासी मजदूर लौट रहे वापस

लॉकडाउन की आहट! एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली-पुणे से प्रवासी मजदूर लौट रहे वापस

By: Amit ranjan 
Updated:
लॉकडाउन की आहट! एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली-पुणे से प्रवासी मजदूर लौट रहे वापस

नई दिल्ली : देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना महामारी को लेकर एक बार फिर लोगों को लॉकडाउन का डर सताने लगा है, जिसे लेकर प्रवासी मजदूर वापस लौटने लगे है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों और क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू के साथ ही लॉकडाउन भी लगा दिया गया है। जिसकी आशंका से जो मजदूर पिछले साल अनलॉक के बाद वापस कमाने को दूसरे प्रदेश में आये थे। अब उनके वापस लौटने की खबर सामने आ रही।

आपको बता दें कि देश में लगातार लगातार बढ़ रही सख्तियों के बीच लॉकडाउन की आहट सिर पर है। जिसकी आहट को सुनकर दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पर बीते दिन बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर घर जाते हुए दिखे। बिहार के कुछ मज़दूरों का कहना है कि पिछली बार लॉकडाउन में वो यहां फंसे रह गए थे, ऐसे में अब फिर से ऐसी स्थिति बनती है तो वो यहां फंसना नहीं चाहते हैं। इसलिए पहले ही अपने घर जा रहे हैं।

आपको बता दें कि कोरोना संकट के कारण दिल्ली, पंजाब, मुंबई समेत कई इलाकों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही कई तरह की अन्य पाबंदियां भी लग चुकी है। फिर भी कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में प्रवासी मज़दूरों के बीच फिर से लॉकडाउन का डर सता रहा है।

ठीक ऐसा ही दृश्य दिल्ली से दूर महाराष्ट्र के पुणे में भी देखने को मिला। जहां प्रवासी मज़दूर बड़ी संख्या में अपने शहरों, गांवों की तरफ लौट रहे हैं। पुणे के रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखी गई। रेलवे की ओर से कहा गया है कि हम यहां नियमों का पालन कर रहे हैं, अधिक संख्या है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के पैमाने पर खरा उतरा जा रहा है।

फिर से लॉकडाउन का डर ?

गौरतलब है कि दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी जैसे कई राज्यों ने अपने शहरों में नाइट कर्फ्यू तो लागू कर दिया है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में तो वीकेंड लॉकडाउन भी चल रहा है। बीते दिन छत्तीसगढ़ के रायपुर में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया। ऐसे में फिर लोगों को लॉकडाउन का डर सता रहा है।

ध्यान हो कि बीते साल जब अचानक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था, तब लाखों मजदूर शहरों में फंस गए थे। जिसके बाद सड़कों पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ अपने गांवों को लौटते हुए दिखाई दी थी। इस दौरान कई लोगों को अपने जान भी गंवाने पड़े, जिसके दुख से अभी भी उनके परिजन नहीं उबरे है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...