कानपुर : विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बुलाई गई नगर निगम सदन बैठक में सत्ता पक्ष यानी भाजपा के ही पार्षद आपस में भिड़ गए। जिससे महापौर को अनिश्चितकाल के लिए सदन बैठक स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले सुबह पूजा अर्चना के साथ नगर निगम की बैठक प्रारंभ हुई।
जिसमें पार्षदों ने अपने अपने वार्ड के विकास के लिए एक-एक करोड़ की धनराशि जारी करने की मांग की गई। नगर आयुक्त से सलाह के बाद महापौर ने पार्षदों की इस मांग को मंजूरी दे दी। गुणवत्ता हीन कूड़ा गाड़ियां खरीदने पर भी जमकर हंगामा हुआ।
नगर आयुक्त में कहा कि जिस फर्म में कूड़ा गाड़ियां सप्लाई की है उसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है और ना ही आगे किया जाएगा। पार्षदों की शिकायत पर कीड़ा प्रशिक्षक जफर आलम को भी क्रीड़ा विभाग से हटा दिया गया। मोतीझील मैदान के किराए में वृद्धि की गई। कोविड काल तक विद्युत शवदाह गृह में शुल्क नहीं लिए जाने पर सहमति बनी।
इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ पार्षद व उप नेता सदन महेंद्र दद्दा व भाजपा के ही पार्षद रमेश चंद्र के बीच बहस हो गई। दोनों ने एक दूसरे के साथ जमकर गाली गलौज की और एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी। पार्षदों की इस अनुशासनहीनता पर मेयर प्रमिला पांडे ने उप नेता सदन महिंद्रा को 6 माह के लिए सदन प्रवेश पर रोक लगा दी। बैठक में दो पूर्व पार्षदों की असमय मौत पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।