कोरोना के बढ़ते खतरे को लेकर सरकार गाइडलाइन के पालन को लेकर सख्त हो गई है। इसका असर सदन में भी दिखा।
विधानसभा के आखिरी दिन आसन यानी विधानसभा अध्यक्ष के स्तर पर मास्क से जुड़ी नसीहतें कई बार आयीं। वे बार-बार सदस्यों से मास्क लगाने की अपील कर रहे थे। एक समय तो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अपने साथ लाए गए मास्क को दिखाने तक को कहा।
तेजस्वी ने अपनी जेब से मास्क निकालकर सदन में दिखाया। इस पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को कहा कि सदन चाहता है कि आप इसे पहनकर बोलें। तेजस्वी ने खीझते हुए कहा-अजीब स्थिति है। फिजिकल डिस्टेंस तो है ही। बारह फीट की दूरी पर बिठाए हैं न? तो मास्क की क्या जरूरत।
तेजस्वी के समीप राजद के ललित यादव बैठे थे। वह उस वक्त बगैर मास्क के थे। उन्हें देखते ही विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि खतरा ललित बाबू से है।
मास्क को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कई बार सदन में नियमन दिया। उन्होंने जब यह देखा कि कुछ लोग बगैर मास्क के हैं तो उन्होंने कहा कि मास्क जरूर लगा कर आएं। केवल बोलने के समय ही मास्क उतारें। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मास्क पहनकर नहीं आए थे उन्हें मास्क दिया भी गया है।
पहली बार विधानसभा पहुंचे विधायकों को लगातार नसीहत देते रहे। कहा कि आप नए आए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के वरीय सदस्यों को श्रवण करें।
बीच में टोका-टोकी उचित नहीं है। भाकपा (माले) के एक विधायक जब उठे तो उन्हें लगभग डपटते हुए कहा- आप चौथी बार उठे हैं, यह अच्छी बात नहीं है। वरिष्ठ सदस्यों से सीखना चाहिए।