नई दिल्ली : टूलकिट केस मामले में दिल्ली पुलिस ने आज सेल ऑफिस में निकिता जैकब, शांतनु और दिशा रवि से पूछताछ की, हालांकि कोर्ट ने एक दिन के हिरासत के बाद दिशा रवि की सशर्त जमानत मंजूर की है। जिसके एवज में उन्हें 1,00000 रूपये जमा करने होगें। कोर्ट के इस फैसले पर दिशा के वकील ने कहा कि वह ऐसे परिवार से नहीं आती जो इतनी बड़ी रकम वहन कर सके। दिशा अभी भी अपने वकीलों के साथ कोर्ट रूम में ही हैं।
आपको बता दें कि दिशा के जमानत के साथ ही कोर्ट ने टूलकिट केस में अन्य आरोपी निकिता जैकब और इंजीनियर शांतनु मुलुक को अग्रिम जमानत मिल गई है। बता दें कि कल भी दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की थी। कल ही पुलिस ने दिशा रवि की रिमांड को बढ़ाने की मांग की थी। पुलिस का कहना था कि हम तीनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ करना चाहते हैं। इस दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने दिशा रवि की रिमांड एक दिन बढ़ा दी थी।
बता दें कि पर्यावरणविद दिशा रवि को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए टूलकिट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इसके पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी। पुलिस ने बताया कि 17 और 18 जनवरी को भी जूम मीटिंग की गई और 23 को टूलकिट तैयार हुआ।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि कनाडा के पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत मे कुछ चेहरों का सहारा लिया। दिशा रवि ने टूलकिट में एडिट किया है। इनका सहयोगी शान्तनु दिल्ली आया था और 20 से 27 तक दिल्ली में था।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि दिशा की तरफ से सबूतों को मिटाया गया है। दिशा ने सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की है, 60 से 70 लोग Zoom मीटिंग में थे जिसमें मो धालीवाल शामिल था, दिशा रवि को तमाम हो रही चीजों की जानकारी थी। उनको यह पता था कि किस प्रकार लोगों को भ्रमित किया जा सकता है।
वहीं, दिशा रवि के वकील ने कहा कि किसी देश विरोधी व्यक्ति के बातचीत करने से क्या हम देश विरोधी हो जाएंगे? अपनी बातें किसी भी प्लेटफॉर्म पर रखना अपराध नहीं है। दिल्ली पुलिस कोई लिंक नहीं बना पा रही है। उन्होंने कहा कि हम किसी आंलोलन को पसंद-नापंसद कर सकते हैं। नापसंद करने का मतलब ये नहीं कि हम देशद्रोही हो गए।