रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी
उत्तराखंड: देश के चार धामों में से एक हिमालय के शिखर पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर हिन्दुओं की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। हिंदु धर्म में वसंत पंचमी को बहुत ही शुभ पर्व माना जाता है और इस शुभ पर्व के मौके पर हिंदुओं की आस्था के केंद्र बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की ताऱीख का ऐलान हुआ है।
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली गढ़वाल जिले में स्थित चार धामों में से एक बद्रीनाथ मंदिर करोड़ों हिंदुओं के आस्था के प्रतीक भगवान बद्री विशाल के कपाट 18 मई को सुबह से खोल दिए एक आधिकारिक बयान में इस बात की जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया कि वसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर राज महल में मंदिर के कपाट खोलने के मुहूर्त की घोषणा की गई। इसी के साथ बताते चलें कि 18 मई के दिन तड़के सुबह 4.15 बजे दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के कपाट खोलने की जानकारी दी गयी है। जिस दिन मंदिर के कपाट खुलेंगे उस खास दिन मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सभी धार्मिक अनुष्ठानों और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर की पूजा करेंगे।
बताते चलें कि हर साल विजयादशमी पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाते है। सर्दियों में यहां का वातावरण बहुत ठंडा हो जाता है, बर्फबारी के कारण शीत ऋतु में बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। पिछले साल ये कपाट 19 नवंबर को दोपहर 3:35 मिनट में बंद कर दिये गये थे। यहां आकर लोग चार धाम के यात्रा का समापन करते हैं। इस चार धाम की यात्रा को गढ़वाल क्षेत्र में आय का एक प्रमुख स्त्रोत माना जाता है, जिसकी शुरुआत हर साल अप्रैल-मई से होती है और समापन अक्टूबर-नवंबर को होता है। बता दें कि हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने के बाद पहले दिन हजारों संख्या में श्रद्धालु आते है। लेकिन एस बार महामारी के चलते हो सकता है श्रद्धालुओं की संख्या में अंतर देखा जाए।