नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना संकट और बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जिससे इस बढ़ती महंगाई में उन्होंने राहत की सांस ली। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान महंगाई भत्ते पर लगी रोक को हटा दी है। इसके साथ ही तीन किश्तों को मिलाकर 11% महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी फैसला हुआ है। यह फैसला आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
फ़ैसले के मुताबिक़ 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से लागू होने वाली तीनों किस्तों पर लगी रोक हटा दी गई है। रोक हटने के बाद तीनों किस्तों को मिलाकर केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में कुल 11 फ़ीसदी की बढोत्तरी होगी। यानि महंगाई भत्ते की दर वर्तमान के 17 फ़ीसदी से बढ़कर 28 फ़ीसदी हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को फ़ायदा होगा।
क्या है महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance
दरअसल बढ़ती महंगाई से वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं और लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता को कम करने लगते हैं। इसका सामना करने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है ताकि लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और अपनी जरूरत की चीजों को दाम बढ़ने के बावजूद भी खरीद पाएं।
कैसे तय करती है सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए
महंगाई भत्ते यानी डीए की कैलकुलेशन के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।
लगातार पड़ रही है महंगाई की मार
कोरोना संकट काल के बीच अर्थव्यवस्था कमजोर है और बाज़ारों में कमाई भी कम है। इस बीच महंगाई का बोझ भी लोगों पर पड़ रहा है। लगातार पेट्रोल, डीज़ल के दाम ऊपर जा रहे हैं। इसके अलावा खाद्य तेलों के दामों में भी बंपर बढ़ोतरी हो रही है।
बता दें कि दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों में पेट्रोल का दाम सौ रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है, जबकि डीजल भी इस ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा घरेलू गैस के दाम भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।