भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में की गई सर्जिकल एयर स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बुधवार सुबह 10:30 बजे सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो दिखाया गया, जिसमें भारतीय वायुसेना द्वारा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने की तस्वीरें थीं।
इस ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश को ऑपरेशन की जानकारी दी। दोनों अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन में सिर्फ आतंकियों के लॉन्चपैड और ट्रेनिंग सेंटर्स को टारगेट किया गया है और कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच चलाया गया। इसमें पीओके और पाकिस्तान के 7 शहरों में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 केंद्र शामिल थे।
उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में मुजफ्फराबाद का सवाई नाला ट्रेनिंग सेंटर, बहावलपुर का जैश हेडक्वार्टर, मुरीदके का मरकज़ तैयबा, सियालकोट का सरजल कैंप और महमूना जाया कैंप जैसे खतरनाक अड्डों को तबाह किया गया। इन जगहों पर आतंकी गतिविधियों की पुष्टि पुख्ता खुफिया रिपोर्टों से हुई थी।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान हर संभव सावधानी बरती गई ताकि कोई भी आम नागरिक या रिहायशी इलाका प्रभावित न हो। सटीक निशाना लगाकर आतंकियों के लॉन्चपैड और हथियार भंडारण केंद्रों को ही टारगेट किया गया। उन्होंने कहा कि “हमने सर्जिकल एक्यूरेसी के साथ काम किया और सिविलियन को नुकसान पहुंचाने से बचाया।”
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। यह हमला TRF (The Resistance Front) ने किया, जो लश्कर से जुड़ा और UN द्वारा प्रतिबंधित संगठन है। उन्होंने कहा कि TRF को कवर संगठन के रूप में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह इस्तेमाल कर रहे हैं।
मिस्री ने बताया कि हमला केवल लोगों की हत्या तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य कश्मीर के विकास को बाधित करना और सांप्रदायिक तनाव भड़काना था। उन्होंने कहा कि भारत ने आत्मरक्षा और आतंक को रोकने के अधिकार का प्रयोग करते हुए यह नपी-तुली और जिम्मेदार कार्रवाई की है।
सेना और वायुसेना की महिला अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, भिम्बर, सियालकोट और सरगोधा जैसे इलाकों में मौजूद ट्रेनिंग सेंटर्स और लॉन्चपैड को स्ट्राइक में पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इनमें से कई ठिकाने 26/11, पठानकोट, कठुआ और पुंछ जैसे हमलों की प्लानिंग से जुड़े थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था, बल्कि यह भारत की तरफ से दिया गया एक संदेश भी था कि आतंकवाद को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सेना की ओर से दो महिला अधिकारी पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने आईं, जो इस मिशन के रणनीतिक और तकनीकी पक्ष को दृढ़ता और पारदर्शिता के साथ सामने लाईं। यह भारत की नई सैन्य नीति, सटीकता और मानवता का संतुलन दिखाता है।
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