कृषि कानून को लेकर पिछले 50 दिनों से दिल्ली सीमा पर डटे किसानों के साथ 15 जनवरी को सरकार के साथ 9वीं बार बैठक होने जा रही हैं। इसस पहले जितनी भी बैठकें सरकार के साथ हुई हैं। वो बनतीजा साबित हुई हैं। सरकार कानूनों को वापस लेने से साफ इंकार कर दिया हैं।
तो वहीं किसान भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं कि, कृषि कानूनों के वापसी तक वह घर नहीं जाएंगे। किसान और सरकार के बीच चल रही ये लड़ाई कहां पर जाकर खत्म होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हैं। क्योंकि दोनों अपनी जिद पर कायम हैं। वहीं किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
पंजाब में ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसानों ने ऐलान किया है कि, जो भी इस मार्च में शामिल नहीं होगा उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। इसको लेकर विवाद शुरू हो गया हैं। ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने से इंकार करने पर दो गावों के लोगों पर जुर्माने का ऐलान किया गया हैं। ये गांव हैं मोगा का राउक कलां और संगरूर का भल्लरहेड़ी हैं।
संगरूर के भल्लरहेड़ी गांव में किसान पर 2100 रुपये का जुर्माना लगाया गया हैं। जबकि मोगा के राउक कलां के लोगों से 1200 रुपये वसूले जाएंगे जो गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च में शामिल नहीं होंगे। संगरूर में यह ऐलान भारतीय किसान यूनियन राजेवाल समूह के नेताओं की उपस्थिति में गुरुद्वारा गांव से किया गया।
किसान संगठन की तरफ से कहा गया है कि, जो भी परिवार इस परेड में शामिल नहीं होगा। उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। घोषणा करते हुए ये भी कहा गया है कि, अगर जो भी किसान इस परेड में हिस्सा नहीं लेगा, उसे भविष्य में किसान संगठनों से कोई भी मदद नहीं की जाएगी।