नई दिल्ली: भारत सरकार ने पासपोर्ट नियमों में अहम बदलाव किया है। अब 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे लोगों के लिए पासपोर्ट आवेदन के समय जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम संशोधित जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 2023 के तहत लागू किया गया है।
क्या बदले हैं नए नियम?
नए नियमों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे आवेदकों के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही जन्मतिथि का एकमात्र वैध प्रमाण होगा। इससे पहले जन्मे लोग दूसरे दस्तावेजों का विकल्प चुन सकते हैं। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से दस्तावेज़ी प्रक्रिया सरल होगी और कई दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पुराने आवेदकों के लिए क्या विकल्प हैं?
अगर आपका जन्म 1 अक्टूबर 2023 से पहले हुआ है, तो आप निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में जमा कर सकते हैं।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट
ट्रांसफर सर्टिफिकेट / स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट
पैन कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
वोटर आईडी कार्ड
सरकारी कर्मचारियों के लिए सर्विस रिकॉर्ड या पेंशन ऑर्डर
LIC या सार्वजनिक कंपनियों की ओर से जारी पॉलिसी बॉन्ड
क्यों लिया गया यह फैसला?
🔹 सरकारी कामकाज में तेजी लाने के लिए
🔹 बर्थ सर्टिफिकेट को सबसे विश्वसनीय दस्तावेज़ बनाने के लिए
🔹 पहले जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य था, लेकिन 2016 में इसे हटाया गया था
🔹 अब फिर से इसे अनिवार्य करके पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया को स्पष्ट बनाया गया है
कब से लागू होगा यह नया नियम?
केंद्र सरकार ने पासपोर्ट नियम 1980 में संशोधन करते हुए एक आधिकारिक नोट जारी किया है।
राजपत्र अधिसूचना (Gazette Notification) में प्रकाशित होते ही यह नियम प्रभावी हो जाएगा।
कैसे मिलेगा नया जन्म प्रमाण पत्र?
नगर निगम या पंचायत कार्यालय से प्राप्त करें।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत अधिकृत संस्था से प्रमाण पत्र बनवाएं।
डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र का भी उपयोग किया जा सकता है।
नए नियमों से क्या होगा फायदा?
लोगों को जन्म प्रमाण पत्र को सुरक्षित रखने की आदत पड़ेगी।
अलग-अलग दस्तावेज़ रखने की जरूरत नहीं होगी।
सरकारी प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।