नई दिल्ली : पंजाब विधानसभा चुनाव होने में तकरीबन एक साल शेष है, उससे पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बड़ा झटका लगा है। और वे जिस उम्मीद को लेकर विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे, उनके उन उम्मीदों पर पानी फेर हो गया है। दरअसल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है।
प्रशांत किशोर ने अमरिंदर को लिखे खत में कहा कि मैं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय राजनीति से अस्थायी तौर पर ब्रेक चाहता हूं। इसलिए मैं आपके प्रधान सलाहकार पद की जिम्मेदारी नहीं उठा सकता। भविष्य में मुझे क्या करना है यह मुझे अभी तय करना बाकी है। इसलिए मैं आपसे दरख्वास्त करता हूं कि मुझे इस पद से मुक्त कर दिया जाए। प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे इस पद के लिए चुनने के लिए आपका शुक्रिया।
In view of my decision to take a temporary break from active role in public life, I’ve not been able to take over the responsibilities as your Principal Advisor. I request you to kindly relieve me from this responsibility: Prashant Kishor to Punjab CM Captain Amarinder Singh
— ANI (@ANI) August 5, 2021
बता दें कि इसी साल मार्च में अमरिंदर सिंह ने किशोर को अपना प्रधान सलाहकार बनाया था। इसकी जानकारी सीएम ने ट्वीट करके दी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि प्रशांत किशोर ने मेरे प्रधान सलाहकार के तौर पर जॉइन किया है। उनके साथ पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए काम करेंगे।
आपको बता दें कि बीते दिनों प्रशांत किशोर काफी एक्टिव नजर आए थे। उनकी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मुलाकात भी हुई थी। इसके बाद कांग्रेस की एक बैठक हुई, जिसमें राहुल और पीके की मुलाकात का जिक्र किया गया था और प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री की संभावनाओं पर चर्चा की। यह बैठक 22 जुलाई को हुई थी, जिसमें कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा, अजय माकन, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी जैसे बड़े नेता शामिल हुए थे। बैठक में जो निष्कर्ष सामने आया था, उसके मुताबिक पीके का पार्टी में आना फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन उनका रोल तय होना चाहिए। जेडीयू के साथ जिस तरह से पीके का सफर रहा, उसे देखते हुए कांग्रेस अपने यहां उनके रोल को लेकर लकीर खींच सकती है।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ये बात जाहिर चुके हैं कि I-PAC की उनकी टीम सियासी समीकरणों को साधने का काम तो कर रही है, लेकिन बहुत लंबे समय तक उनका ये करने का मन नहीं है। इससे पहले प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ मंथन किया था।
बैठक में शामिल एक अन्य नेता ने कहा था, ‘ये वो वक्त है जब नए आइडिया, रणनीति लाई जानी चाहिए। अगर प्रशांत किशोर को पार्टी में लाया जाता है, तो कोई नुकसान नहीं होगा, वह कैसे आएंगे इसपर चर्चा की जा सकती है। कांग्रेस के पास काफी टैलेंट है, अगर बेहतरी के लिए कुछ बदलाव होता है तो हमें सीखना चाहिए।’