रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। लोगो के इलाज के नाम पर धोखाधड़ी और धनउगाही करने वाले सात अस्पतालों को मंगलवार को प्रशासन ने सील कर दिया है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को शिकायत मिली थी कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अपर नगर मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी व चिकित्सीय प्राधिकारी के नेतृत्व में छः टीमों का गठन कर अस्पतालों की जांच के आदेश दिए थे।
सोमवार को इन टीमों ने 45 अस्पतालों व ट्रॉमा सेंटरों में छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि छापेमारी के दौरान ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टर मौके पर उपस्थित नहीं मिले थे। कुछ अस्पताल प्रबंधक लाइसेंस भी नहीं दिखा पाए थे। जबकि कुछ अस्पतालों के लाइसेंस की वैद्यता खत्म हो चुकी थी। इसके अलावा कुछ अस्पताल ऐसे भी थे जिनके पास एम्बुलेंस फिटनेस सर्टिफिकेट, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजेंट सर्टिफिकेट और फार्मेसी से सम्बंधित कोई दस्तावेज तक नहीं थे।
आपको बता दें कि सभी प्रकार की कमियों को देखते हुए 29 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की गई थी। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल ने इन अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया था। इसमें से सात अस्पतालों के खिलाफ मंगलवार को सीलिंग की कार्रवाई की गई। जबकि जांच में दोषी पाए गए अन्य अस्पतालों से जवाब मांगा गया है।
जिन अस्पतालों पर कार्रवाई की गई उनमें सैफालिया आई केयर एंड हॉस्पिटल और सम्राट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर सैफालिया अस्पताल को सील कर दिया गया है। सम्राट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किए जाने के बाद सील किया जाएगा।
इसी तरह से न्यू एशियन हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर को सील किया गया है। चन्द्रा हॉस्पिटल और हिमसिटी हॉस्पिटल के खिलाफ भी सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। इन दोनों अस्पताल में मरीज भर्ती पाए गए। मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किए जाने के बाद दोनों अस्पतालों को सील किया जाएगा। हर्बल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर और बेस्ट केयर ट्रामा सेंटर को सील किया गया है।