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जालौन की गरौठा भोगनीपुर संसदीय सीट से भानु प्रताप वर्मा बनें मंत्री, अटल के जमाने से BJP का झंडा किए हैं बुलंद

By: RNI Hindi Desk 
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जालौन की गरौठा भोगनीपुर संसदीय सीट से भानु प्रताप वर्मा बनें मंत्री, अटल के जमाने से BJP का झंडा किए हैं बुलंद

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

नई दिल्ली: पीएम मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में जालौन से पांच बार के बीजेपी सांसद भानु प्रताप वर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। दूसरे कार्यकाल में हुए पहले कैबिनेट विस्तार में 43 नेताओं में सात नाम उत्तर प्रदेश से हैं। जिसमें भानु प्रताप वर्मा भी शामिल हैं। भानु प्रताप वर्मा केंद्रीय मंत्री बनने के साथ ही दिल्ली पहुंच गये। यूपी में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है।

बात करें जालौन की तो यूपी के सबसे पिछड़े जिलो में शामिल है। लेकिन यहां के सांसद भानु प्रताप वर्मा को मंत्रिमंडल में जगह मिलने से यहां के विकास में गति मिलेगी। यही कारण है कि उनके समर्थक काफी उत्साहित हैं।  जालौन की गरौठा भोगनीपुर संसदीय सीट से भानु प्रताप वर्मा सांसद हैं।

मोदी मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले भानु प्रताप वर्मा की राजनीतिक जीवन की तो इन्होने साल 1991 में कोच विधानसभा सीट से बतौर विधायक अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। भानु प्रताप वर्मा कोरी समाज से ताल्लुख रखते हैं, और इनका अपने समाज मे अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। साल 1996 में जनपद जालौन की लोकसभा सीट जालौन-गरौठा नाम से थी, जिसमें 4 विधानसभा थीं। उरई-जालौन विधानसभा, कालपी, माधौगढ़ और कोंच विधानसभा। चारों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 1996 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा को जीत मिली और पहली बार भानु प्रताप वर्मा सांसद बने।

वहीं साल 1998 के लोकसभा चुनाव में भी भानु प्रताप वर्मा दूसरी बार विजयी घोषित हुए। 2004 के लोकसभा चुनाव में भानु प्रताप वर्मा ने जीत के सिलसिले को बरकरार रखा। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भानु प्रताप वर्मा को दोबारा जीत मिली। इस तरह कुल 5 बार इस सीट से सांसद चुने गए।

भानु प्रताप वर्मा के मंत्री बनने के बाद उनके समर्थकों का कहना है, जालौन वासियों के लिए ये गर्व की बात है कि इस इलाके के सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। दरसअल कानपुर और झांसी के बीच स्थित जालौन बुन्देलखण्ड क्षेत्र का सबसे पिछड़ा जिला माना जाता है।

यहां की समस्या पर नजर डालें तो आजादी के बाद से ही दस्यु समस्या जालौन से ग्रसित रहा, यही कारण है कि  जालौन विकास से कोसों दूर है। ग्रामीण इलाके का बात करें तो ग्रामींण इलाका यमुना और चंबल के बीहड़ों में फैला है। आपको बता दें कि पिछले 10 वर्षो से दस्यु समस्या से निजात तो मिल गई है। अब यहां की जनता को उम्मीद है कि मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद यहां के जनप्रतिनिधि इलाके का समुचित विकास करा पाएंगे।

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