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कोरोना से जंग: कन्नौज निर्मित सेनिटाइजर लिखेगा नई इबारत, पढ़िए ख़ास रिपोर्ट

By: RNI Hindi Desk 
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कोरोना से जंग: कन्नौज निर्मित सेनिटाइजर लिखेगा नई इबारत, पढ़िए ख़ास रिपोर्ट

{ कन्नौज से रईस की रिपोर्ट }

इत्र पर नए-नए रिसर्च करने वाले उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में स्थित सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र ने विश्व का सबसे सस्ता सेनिटाइजर बनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

फ्रेगनेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर ने ऐसे वक्त में सबसे सस्ता सेनिटाइजर बनाया है, जबकि कोरोना के खिलाफ उसका प्रयोग देश और विदेशों में सबसे ज्यादा बढ़ गया है। यह सेनिटाइजर डब्लूएचओ के मानकों के आधार पर तैयार किया गया।

देश-विदेश में अपने इत्र उत्पादन की वजह से उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले का नाम सदियों से पहचाना जाता है। ऐसे में जब देश कोरोना जैसी घातक महामारी से जूझ रहा है तो यहां इत्र के क्षेत्र में रिसर्च करने वाले सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र ने सेनिटाइजर का उत्पादन शुरू कर दिया है।

हालांकि लाकडाउन में सीमित कर्मचारियों के कारण सेनिटाइजर का उत्पादन 200 से 300 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से किया जा रहा है। लेकिन अब हर दिन इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

आमूमन सेनिटाइजर को 160 से 200 रुपया प्रति 200 ग्राम की दर से फुटकर बिक्री की जाती है, लेकिन एफएफडीसी ने 200 ग्राम सेनिटाइजर की कीमत 39 रुपया तय की है।

सेनिटाइजर की यह कीमत सिर्फ उसके लागत की वजह से ली जा रही है, जबकि इसमें कोई मुनाफा न लेने की बात एफएफडीसी के निदेशक शक्ति विनय शुक्ला द्वारा कही गई है।

शुरुआती दौर में एफएफडीसी ने सरकारी विभागों में सेनिटाइजर की सप्लाई शुरू कर दी है। उत्पादन बढ़ते ही इसकी सप्लाई गैर प्रांतों में भी शुरू कर दी जाएगी।

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