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नहीं थम रहा अयोध्या राम मंदिर जमीन खरीद विवाद, सामने आया नया विवाद, ट्रस्ट को मेयर के भतीजे ने बेच दी नजूल की जमीन!

By: Amit ranjan 
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नहीं थम रहा अयोध्या राम मंदिर जमीन खरीद विवाद, सामने आया नया विवाद, ट्रस्ट को मेयर के भतीजे ने बेच दी नजूल की जमीन!

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में अभी कई माह शेष है, उससे पहले सामने आया अयोध्या राम मंदिर जमीन खरीद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जो लगातार सुर्खियों में रह रहा है। हालांकि इस जमीन घोटाल को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय इसे सरासर नकार रहे है। लेकिन अब इसी जमीन खरीद को लेकर एक और नया मामला सामने आया है।

दरअसल, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जो जमीन मेयर के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय से खरीदी थी, वह नजूल (सरकारी) की है। यह फ्री होल्ड भी नहीं हुई थी। दीप को महज 20 लाख रुपये में यह जमीन बेचने वाले बड़ा स्थान दशरथ महल मंदिर के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने रविवार को खुद इसका खुलासा किया।

महंत ने बताया कि यह जमीन उनके गुरु महंत के नाम थी। मंदिर के लिए और नजूल की जमीन होने के कारण मैंने यह जमीन दीप नारायण को सस्ते में लिख दी थी। उन्होंने बताया कि नजूल की जमीन पर कुछ मिलने की उम्मीद नहीं थी, इसलिए सोचा जो फायदा मिल रहा है वही बहुत है।

20 लाख रुपये में हुई थी जमीन की लिखा-पढ़ी

महंत ने यह भी बताया कि उन्हें जमीन के लिए 30 लाख रुपये मिले थे जबकि इसकी लिखा-पढ़ी 20 लाख रुपये में हुई थी। उन्होंने कहा कि जमीन को ट्रस्ट को ढाई करोड़ में बेचने की जानकारी नहीं है। यह बहुत गलत हुआ है।

महंत ने कहा, मंदिर ट्रस्ट नहीं आया मेरे पास

महंत के मुताबिक, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और उनके भतीजे दीप नारायण मेरे पास आए थे और जमीन को राम जन्मभूमि मंदिर के लिए लिखने को कहा था। मंदिर ट्रस्ट को सीधे जमीन देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट के जिम्मेदार मेरे पास नहीं आए। अगर वे आए होते तो यह जमीन उन्हें उसी कीमत पर लिख देता। मैंने तो राम मंदिर के निर्माण में सहयोग के लिए ही इसे बेच दिया।

राम जन्मभूमि परिसर से महज 500 मीटर की दूरी पर

राम कोट हवेली की यह जमीन राम जन्मभूमि परिसर से महज 500 मीटर की दूरी पर है। इसलिए यह मंदिर ट्रस्ट के लिए बेहद उपयोगी मानी जा रही है। बता दें, अयोध्या में सदर तहसील के अंतर्गत कोट रामचंद्र, हवेली अवध में 890 वर्ग मीटर जमीन देवेंद्र प्रसादाचार्य से 2,247 रुपये/वर्ग मीटर की दर से खरीदी गई।

दीप को हुआ 2.50 करोड़ का भुगतान

यह जमीन 28,090 रुपये/वर्ग मीटर की दर से ट्रस्ट को बेच दी गई, जबकि कोट रामचंद्र का सर्किल रेट 4,000 रुपये/वर्ग मीटर है। इस लेनदेन में भी ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र कानूनी गवाह के रूप में सूचीबद्ध हैं। दस्तावेज से पता चलता है कि दीप को ऑनलाइन 2.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर खरीद मामले में सबसे पहले घोटाले का आरोप आप सांसद संजय सिंह ने लगाया था।

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