नई दिल्ली : कोरोना महामारी से अब भी पूरी दुनिया नहीं उबर सका है, इसे लेकर लगातार कोरोना वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। लेकिन इस वैक्सीनेशन के बीच भी कुछ ऐसी खबरें सामने आ रही है, जो लगातार चिंता का सबब बना हुआ है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समयों में कोरोना वायरस में यूके और दक्षिणी अफ्रीकी वैरिएंट के बाद अब ब्राजील वैरिएंट भी सामने आया है।
ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि फरवरी के पहले हफ्ते में SAS-CoV-2 के ब्राजील संस्करण पता चला। वैक्सीन की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए प्रयोग चल रहे हैं। दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीलियाई वैरिएंट, यूके के वैरिएंट से अलग है।
बलराम भार्गव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से यहां लौटने वाले 4 लोगों में दक्षिण अफ्रीकन स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। सभी यात्रियों और उनके संपर्क में आए लोगों की टेस्टिंग की गई है और उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि यूके वैरिएंट के अब तक देश में 187 मामले हैं। सभी पॉजिटिव केस क्वारंटाइन किए जा चुके हैं और उनका इलाज चल रहा है। उनके संपर्क में आए लोगों को आइसोलेट किया गया है और टेस्ट भी कराया गया है। हमारे पास उपलब्ध वैक्सीन में वायरस के यूके वैरिएंट को भी निष्प्रभावी करने की क्षमता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, करीब 87 लाख से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। गोवा, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत 8 राज्यों में पात्र स्वास्थ्यकर्मियों में से 60 फीसदी से अधिक लोगों को दूसरा डोज दिया जा चुका है। जबकि दिल्ली और कर्नाटक टीकाकरण को लेकर फिसड्डी राज्यों में शुमार हैं।
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीसी में बताया कि लद्दाख, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश (यूपी), तेलंगाना, त्रिपुरा, गुजरात और गोवा ने अपने यहां पात्र स्वास्थ्यकर्मियों के 60% से अधिक को दूसरी डोज दे दी है। इनमें से गोवा ने 100 फीसदी डोज दे दिया है। जबकि गुजरात (86%), त्रिपुरा (85.9%), तेलंगाना (81.6%) और उत्तर प्रदेश (81.2%) ही सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं असम, झारखंड और लद्दाख में 60 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरा डोज दिया गया है।