रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य के रुप में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आदाज ने मंगलवार को राज्यसभा में अपना अंतिम भाषण दिया। इस दौरान उन्होने कहा कि “मुझे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व है”। गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में आखिरी भाषण के दौरान बोलते हुए भावुक भी हो गये थे। आपको बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी भी गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा में दिये योगदान को याद करते हुए भावुक हो गये थे।
गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि “मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गया, लेकिन जब मैं पढ़ता हूं कि पाकिस्तान के अंदर कैसे हालात हैं, तो मुझे हिंदुस्तानी मुस्लमान होने पर गर्व है। इस देश के मुस्लमान सबसे ज्यादा खुशनसीब हैं।”
राज्यसभा में आजाद ने अपने संबोधन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि “’मुझे मंत्री के रूप में इंदिरा जी और राजीव जी के साथ काम करने का मौका मिला। सोनिया जी और राहुल जी के समय पार्टी को रिप्रेजेंट करने का भी मौका मिला। हमारी माइनॉरिटी की सरकार थी और अटल जी विपक्ष के नेता थे, उनके कार्यकाल में हाउस चलना सबसे आसान रहा। कई मसलों का समाधान करना कैसे आसान होता है, ये अटल जी से सीखा था।
उन्होने आगे कहा कि “सच बताएं सर, मेरे माता-पिता की जब मृत्यु हुई तो मेरे आंखों से आंसू निकले, लेकिन मैं चिल्लाया नहीं। जब मैं चिल्लाया वह थी संजय गांधी की मौत, इंदिरा गांधी की मौत और राजीव गांधी की मौत और चौथी थी जब साल 1999 में उड़ीसा में सुनामी आई थी।“
राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद की विदाई पर बोलते हुए भावुक हुए प्रधानमंत्री @narendramodi@VPSecretariat@mygovindia@PMOIndia pic.twitter.com/AugppLKUah
— Rajya Sabha TV (@rajyasabhatv) February 9, 2021
आपको बता दें कि 15 फरवरी को चार राज्यसभा सांसदो का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ये सांसद गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नादिर अहमद हैं। पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद के योगदान को याद करते हुए भावुक हो गये। पीएम मोदी ने कहा कि “गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे।”