नई दिल्लीः महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता का खेल दोहराया गया है। अजीत पवार ने यह खेल ठीक उसी तरह से खेला जैसे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ खेला था। यह राजनीतिक तूफान अब बिहार तक पहुंच गया है। दावा किया जा रहा है कि बिहार की नीतीश सरकार में भी जल्द बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। इसलिए महाराष्ट्र के बाद अब बिहार की राजनीति पर पूरे देश की निगाहें टिक गई हैं। क्योंकि बिहार सरकार को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के दो फाड़ हो सकते हैं, या फिर नीतीश कुमार चुनाव से पहले फिर से बीजेपी के साथ आ सकते हैं। इस बीच ‘लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास’ प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार सरकार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार टूटने वाली है, नीतीश कुमार को जैसी करनी है वैसी भरनी का फल जरूर मिलेगा। चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार के कई नेता उनके संपर्क में हैं, जिनमें नीतीश कुमार के फैसलों के खिलाफ काफी नाराजगी है।
हाल ही में जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने यह दावा करके इस आशंका को और भी बढ़ा दिया। उनका कहना था कि नीतीश कुमार अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। वहीं बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र वाला हाल अब बिहार में जेडीयू का होने वाला है। सुशील मोदी ने दावा किया कि जेडीयू के भी अधिकांश नेता राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे। इसीलिए नीतीश कुमार पहली बार अपनी पार्टी के विधायकों से अलग-अलग मिल रहे हैं। उन्हें डर है कि उनके विधायक कभी भी पाला बदल सकते हैं। जेडीयू पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में जेडीयू के हिस्से 10 सीट भी लड़ने के लिए नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में जेडीयू के कई सांसदों के टिकट कटने की संभावना है। इससे पार्टी में विद्रोह हो सकता है। साथ ही नीतीश कुमार ने बिना विधायकों से सलाह मशविरा लिए बीजेपी से गठबंधन तोड़ा। जिससे विधायक उनसे नाराज हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि जैसा खेल महाराष्ट्र में हुआ है, अब वैसा ही बिहार में भी होने जा रहा है। इससे बिहार की सियासी गलियारों में भी हड़कंप मचा है।