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बेंजामिन की कुर्सी जानें के बाद क्या खटास में पड़ सकती है भारत इजरायल की दोस्ती, नफ्ताली बने नये पीएम

By: Amit ranjan 
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बेंजामिन की कुर्सी जानें के बाद क्या खटास में पड़ सकती है भारत इजरायल की दोस्ती, नफ्ताली बने नये पीएम

नई दिल्ली : तकरीबन 12 सालों तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहें नेतन्याहू बेंजामिन को इजरायल पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ा, जिनका स्थान उन्हीं के ‘शागिर्द’ रहे नफ्ताली बेनेट ने ली। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके इजरायल के नए पीएम को बधाई दी है। इस दौरान वह अपने मित्र नेतन्‍याहू को भी याद करना नहीं भूले। पीएम मोदी ने ‘सफल’ कार्यकाल की समाप्ति पर नेतन्याहू की सराहना की। विशेषज्ञों का कहना है कि नेतन्‍याहू की जगह पर नफ्ताली बेनेट के प्रधानमंत्री बनने से भारत-इजरायल की ‘अटूट’ दोस्‍ती पर कोई असर नहीं पडे़गा।

पश्चिम एशियाई मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा कहते हैं कि भारत और इजरायल के रिश्‍ते सत्‍ता में बदलाव के बाद भी आगे बढ़ेंगे। रिश्‍ते एक आदमी पर निर्भर नहीं करते हैं। ये रिश्‍ते काफी समय में बढ़े हैं और यह आगे जारी रहेगा। उन्‍होंने कहा, ‘नफ्ताली और नेतन्‍याहू की विचारधारा में कोई फर्क नहीं है। दोनों ही कट्टर राष्‍ट्रवादी हैं। भारत में भी पीएम मोदी की राष्‍ट्रवादी नेता की छवि है।’

‘नए प्रशासन में भी भारत और इजरायल के रिश्‍ते आगे बढ़ेंगे’

उन्‍होंने कहा कि भारत के साथ रिश्‍तों से इजरायल को बहुत फायदा है। भारत इजरायल से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदता है। भारत के हथियार खरीदने पर दूसरे देश भी उससे हथियार खरीदते हैं। भारत-इजरायल संबंध के बाद दूसरे देशों ने उससे रिश्‍ते बनाए हैं। भारत के साथ रिश्‍तों से इजरायल को बहुत फायदा है। इस वजह से भारत और इजरायल के रिश्‍ते नए प्रशासन में भी आगे बढ़ेंगे। आगा ने कहा कि भारत के साथ रिश्‍तों का फलस्‍तीन पर क्‍या असर पड़ेगा, यह देखना होगा।

कमर आग ने कहा कि बेनेट चाहेंगे कि भारत फलस्‍तीन के मुद्दे पर उनके साथ आ जाए लेकिन भारत ऐसा करेगा नहीं। भारत का कहना है कि फलस्‍तीन विवाद का हल दो देश बनाने में है। इसमें संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍तावों को लागू किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि भारत के इजरायल के साथ रिश्‍ते रखने का अरब देशों ने विरोध नहीं किया। अब अरब देश भी इजरायल के साथ रिश्‍ते मजबूत करने में जुट गए हैं।

‘पश्चिम एशिया में तेजी से चीन आगे बढ़ रहा, इजरायल को भारत की जरूरत’

अंतरराष्‍ट्रीय मामलों के जानकार डॉक्‍टर रहीस सिंह कहते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध एक व्‍यक्ति पर आधारित नहीं हैं। नफ्ताली बेनेट इसे आगे बढ़ाएंगे। नफ्ताली बेनेट इजरायल के रक्षामंत्री रह चुके हैं और उनके कार्यकाल में भारत के साथ कई रक्षा संबंध हुए हैं। इससे यह जाहिर होता है कि वह आगे भी भारत के साथ रिश्‍तों को और ज्‍यादा मजबूत करेंगे। डॉक्‍टर सिंह कहते हैं कि पश्चिम एशिया में बड़ी तेजी से चीन आगे बढ़ रहा है और इजरायल को आगे चलकर न केवल अमेरिका बल्कि भारत की भी बड़ी जरूरत होगी।

नफ्ताली बेनेट से मिलना चाहते हैं पीएम मोदी, दी बधाई

बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट को सोमवार को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उत्सुक हैं। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘इजरायल का प्रधानमंत्री बनने पर नफ्ताली बेनेट को बधाइयां। हम अगले साल अपने कूटनीतिक संबंधों के बेहतर बनाए जाने के 30 साल पूरे कर रहे हैं और इस अवसर पर मैं आपसे मुलाकात करने तथा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए उत्सुक हूं।’

बता दें कि बेनेट ने रविवार को इजराइल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही 12 साल से प्रधानमंत्री पद पर काबिज बेंजामिन नेतन्याहू का कार्यकाल खत्म हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सफल’ कार्यकाल की समाप्ति पर पूर्व प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सराहना की और भारत-इजराइल रणनीतिक साझेदारी पर निजी तौर पर ध्यान देने के लिए उनके नेतृत्व के प्रति आभार जताया। इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के प्रमुख योहानन प्लेज्नर के मुताबिक, ‘बेनेट एक दक्षिणपंथी नेता हैं और सुरक्षा को लेकर सख्त हैं, लेकिन वह एक व्यवहारिक सोच रखने वाले नेता हैं।

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