रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: सोशल मीडिया के दुरुपयोग को देखते हुए भारत सरकार सख्त है। इसके रोकथाम के लिए सरकार नई गाइडलाइन लेकर आई है, जिसको लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। सरकार के नई गाइडलाइन के खिलाफ व्हाट्सएप दिल्ली हाई कोर्ट के चौखट पर पहुंचा है। व्हाट्सएप का कहना है कि सरकार की नई गाइडलाइन को लागू करने से उसके यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी और यह संविधान का उल्लंघन भी होगा।
जबकि बात करें फेसबुक की तो फेसबुक ने कहा है कि उसे नई गाइडलाइन से कोई एतराज नहीं है। फेसबुक के साथ-साथ गूगल ने भी सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक ही भारत में अपनी सेवाएं देने को राजी हो गया है।
इस दौरान गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमने महसूस किया है कि अपने प्लेटफॉर्म को हम पूरी तरह से सिक्योर रखने में कभी सफल नहीं हुए लेकिन हम अपने प्रयास को नहीं छोड़ेंगे। हम अपनी पॉलिसी को जहां तक संभव होगा पारदर्शी रखेंगे। हम भारत सरकार के कानून का सम्मान करते हैं। भारत सरकार के साथ हमारा एक लंबा इतिहास है कि जब भी किसी आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर शिकायत आती है तो हम उसकी जांच करते हैं और फिर जरूरत पड़ने पर उसे हटाते भी हैं। हम पूरी तरह से स्थानीय कानून का पालन करेंगे।“
आपको बता दें कि मंगलवार को ही फेसबुक ने भी कहा कि वह सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक ही काम करेगा, हालांकि फेसबुक ने यह भी कहा कि कई अन्य मुद्दों पर सरकार के साथ उसकी बातचीत चल रही है।
इस साल फरवरी में संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय के कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार आलोचना और असहमति के अधिकार का स्वागत करती है, लेकिन सोशल मीडिया के यूजर्स के लिए शिकायत करने का एक मंच होना बहुत जरूरी है। नए नियमों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के पास शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए, उन्हें एक शिकायत अधिकारी का भी नाम बताना होगा जो 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करेगा और 15 दिनों में निपटारा करेगा।