लखीमपुर खीरी में पराली जलाने को लेकर अभी तक कुल 54 किसानों पर कार्यवाही की गई हैं। जिसमें से 48 किसानों को धान पराली जलाने वाले तो 6 किसान गन्ने की पत्ती जलाने वाले हैं।
वहीं अगर कुल जुर्माने की बात की जाए तो 285000 के जुर्माने के नोटिस किसानों को भे गए हैं। तो अभी तक ₹70000 की वसूली भी की गई है।
पराली जलाने को लेकर बनाई गई टीमों में लापरवाही करने वाले 11 लेखपालों को स्पष्टीकरण वही 3 लेखपालों को आरोप पत्र भी दिया गया है। कुल मिलाकर धान पराली जलाने को लेकर प्रशासन का रवैया काफी सख्त है।
तो वही किसानों सहित किसान नेताओ का कहना है कि सरकार बेवजह किसानों को परेशान कर रही है
जबकि गन्ना कोल्हू सहित ईट भट्टे व गन्ना मिलो से निकलने वाला धुंआ क्या पर्यावरण को प्रदूषित नही करता पर उनपर कोई कार्यवाही क्यों नही? सरकार को या तो पराली नष्ट करने को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाई जाए या फिर परेशान ना किया जाए।
लखीमपुर खीरी की बात करे तो यहाँ 9 गन्ना मिल लगभग 200 ईट भट्टे तो वही हजारों की संख्या में गन्ना कोल्हू है जो दिनभर धुंआ उगलते है पर इन को लेकर कोई कार्यवाही नही की गई है। वही किसानों पर पराली जलाने को लेकर कार्यवाही जरूर देखने को मिली है वही भट्ठा मालिको का तर्क है कि भट्टे की चिमनी NGT के मानकों पर बनी है वही गन्ना कोल्हू की चिमनिया किसी गाइड लाइन को पूरा नही करती।