पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव यूं तो अभी कुछ महीने दूर हैं लेकिन इनकी आहट अभी से शुरू हो गई है। मई 2021 में राज्य की विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है इससे पहले ही यहां पर चुनाव संपन्न करवा लिए जाएंगे। 294 सीटों के लिए होने वाला ये विधानसभा चुनाव इस बार खासा मायने रखता है। इसके खास होने की कई वजह है।
वहीं विधानसभा के चुनाव से पहले कई नेता तृणमूल कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने हाल में टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं को कोरोना के रोगियों की तरह बताया है, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के साथ धोखा किया और इसे अंदर से तबाह कर रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा के प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग राजनीतिक पलटी मारकर बीजेपी में शामिल हो गए ताकि सीबीआई और ईडी की परेशानी से बच सकें।
डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी ने अपने क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी में कुछ लोग कोरोना के रोगी की तरह हैं। हमने उनकी गतिविधियों पर नजर रखी और उनकी पहचान की। इस तरह के वायरस से छुटकारा मिलने से हम खुश हैं जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी से छल किया और पिछले कुछ महीने से पार्टी को तबाह कर रहे थे।
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की 19 दिसंबर को मेदिनीपुर में रैली के दौरान राज्य के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी टीएमसी के पांच विधायकों सहित नौ विधायकों और पार्टी के एक सांसद के साथ बीजपी में शामिल हो गए थे।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘जो लोग अपने स्वार्थ के लिए टीएमसी छोड़ना चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर आपमें साहस है तो अपनी पार्टी बनाईए जैसा ममता बनर्जी ने 1998 में किया था। वह बीजेपी या सीपीआई में शामिल नहीं हुई थीं।’
वहीं शुभेंदु अधिकारी के जरिए बनर्जी को उगाही करने वाला बताने के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका नाम नारद स्टिंग या अन्य घोटालों में नहीं आया है बल्कि आरोप लगाने वाले खुद आईने में देखना चाहिए।
शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘आपने उगाही करने वाले भाइपो (भतीजे) को हटाने का नारा दिया। नारद स्टिंग ऑपरेशन में किसका नाम आया? मैं नारद स्टिंग या सारदा घोटाले में शामिल नहीं हूं। आपने राजनीतिक पलटी मार ली ताकि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों से खुद को बचा सकें।’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप साबित कर दें कि मैं कभी भी उगाही जैसी गतिविधियों में संलिप्त था तो जनता की अदालत में किसी भी सजा को स्वीकार कर लूंगा। अगर आप में ताकत है तो मेरे खिलाफ सीबीआई या ईडी को लगाएं।’
टीएमसी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के कोयला और पशु तस्करी में संलिप्त होने के आरोपों पर बनर्जी ने कहा, ‘पशु तस्करी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है, जिसकी रखवाली बीएसएफ करती है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है। खदानों से कोयले की तस्करी रोकना कोयला मंत्रालय की जिम्मेदारी है। दोनों बीजेपी के अंतर्गत आते हैं। वे हमारे खिलाफ गलत आरोप क्यों लगा रहे हैं?’
आप को बता दे कि एक तरफ़ जहाँ बीजेपी के राष्ट्रीय नेता आए दिन बंगाल का दौरा करने में लगे हैं, दूसरी तरफ टीएमसी भी बीजेपी को जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।