नई दिल्ली : कोरोना के दूसरी लहर के बीच एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने आज देश को संबोधित किया। इस दौरान जहां उन्होंने इस संकट में गरीबों को दिवाली तक मुफ्त अनाज देने की बात कहीं। वहीं उन्होंने 21 जून से राज्यों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की बात कहीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पताल भी वैक्सीन के लिए वैक्सीन की कीमत से 150 रूपये से अधिक सरचार्ज नहीं लेगे।
नवंबर तक गरीबों को मुफ्त राशन
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच गरीबों को पहले भी मुफ्त राशन मिलता रहा है। सरकार ने अब फैसला किया है कि इस साल दिवाली तक यानी नवंबर महीने तक गरीबों को PM गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन मिलता रहेगा।
100 वर्षों में पहली बार ऐसी त्रासदी
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 100 वर्षों में आई यह सबसे बड़ी त्रासदी है। ऐसी त्रासदी विश्व ने नहीं देखी थी। कई मोर्चों पर हमारे देश ने लड़ाई लड़ी है। बेड, अस्पताल और वेंटिलेंटर बनाने से लेकर टेस्टिंग लैब का नेटवर्क तैयार करने जैसे काम देश में किया गया है। बीते सवा साल में देश में एक नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। अप्रैल और मई में अकल्पनीय रूप से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई थी। ऐसा कभी नहीं हुआ था।
एहतियात बरतना अब भी जरूरी
जरूरी दवाओं के प्रोडेक्शन को कई गुना बढ़ाया गया। दूसरे देशों से उन्हें लाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन के लिए सबसे प्रभावी हथियार एहतियात ही है। इस लड़ाई में वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह हैं। आज दुनिया में जो वैक्सीन की मांग है उसकी तुलना में उत्पादन कम है। अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो इतने बड़े देश में क्या होता। पहले हमें कई बीमारियों की वैक्सीन के लिए दूसरे देशों का इंतजार करना पड़ता था।
बच्चों के लिए नेजल वैक्सीन का ट्रायल जारी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता है। बच्चों के लिए नेजल वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि ट्रायल सफल रहा तो वैक्सीनेशन अभियान को तेजी मिलेगी।
राज्य की मांग के बाद वैक्सीनेशन में किए गए बदलाव
पीएम मोदी ने कहा कि सवाल उठ रहे थे कि वैक्सीनेशन के लिए ऐज ग्रुप क्यों बनाए गए, उम्र की सीमा केंद्र क्यों तय कर रहा है। देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया गया। इसके बाद चर्चा की गई और राज्यों की मांग को देखते हुए 16 जनवरी से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव किया गया। हमने 25 प्रतिशत काम राज्यों को सौंप दिया गया। एक मई से राज्यों को काम 25 प्रतिशत सौंप दिए गए। राज्यों ने भी प्रयास भी किया। उन्हें इस काम की कठिनाई का पता चला। वैक्सीन की विश्व में क्या स्थिति है, इससे राज्य भी परिचित हुए. इसके बाद कई राज्यों ने कहा कि पहले जैसी ही व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
वैक्सीनेशन का दायरा और स्पीड दोनों बढ़ा
पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत ने वैक्सीनेशन का दायरा और स्पीड भी बढ़ाई जोकि अपने आप में ऐतिहासिक रहा। पीएम ने कहा कि महामारी के दौरान देश एकजुट होकर लड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 फीसदी था, अगर इसी रफ्तार से बढ़ते तो देश को टीकाकरण में 40 साल लग जाते। हमने वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया, बच्चों को भी इस अभियान का टीका बनाया।
राज्यों को केंद्र, मुफ्त में वैक्सीन दिलाएगी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राज्यों को केंद्र की तरफ से मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 21 जून से यह व्यवस्था शुरू होगी। पीएम मोदी ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन के लिए सर्विस चार्ज 150 रुपये लिए जाएंगे। वैक्सीन की कीमत के अलावा 150 से ज्यादा का चार्ज नहीं लिया जाएगा।
आपको बता दें कि इस दौरान पीएम मोदी ने इस महामारी में अपने परिचितों और परिजनों को खोने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं भी प्रकट की। उन्होंने कहा कि कोरोना के दूसरी वेव से लड़ाई जारी है। दुनिया के कई देशों की तरह भारत भी बड़ी पीड़ा से गुजरा है। हममें से कई ने अपने परिचितों और परिजनों को खोया है। ऐसे लोगों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।