नई दिल्ली : देश में लगातार आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे है। जिसे लेकर सुरक्षाबल भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहे है। अब जबकि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जेलों से कई कैदियों को रिहा कर दिया गया है, उससे यह संकट और गहरा सकता है। इस कारण भारतीय खुफिया एजेंसी NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के रडार पर अफगानिस्तान में रह रहे 25 भारतीय नागरिक है।
सूत्रों के मुताबिक एनआईए को शक है कि ये सभी भारतीय आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हुए हैं। हालांकि, इनमें से कुछ की मौत भी हो चुकी है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक ये सभी लोग अफगानिस्तान व पाकिस्तान से जुड़े हुए इलाके नंगरहार के पास रह रहे हैं।
जांच में हुई एक शख्स की पहचान
जांच एजेंसी ने इनमें से एक मुनसिब नाम के शख्स की पहचान कर ली है। मुनसिब सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। एनआईए को शक है कि यह भी ऑनलाइन तरीके से आईएसआईएस से जुड़ा हुआ है।
जेल से रिहा हुए कई आतंकी
दरअसल, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जेलों से कैदियों को रिहा कर दिया गया था। रिहा होने वालों में कई आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रोविंस (आईएसकेपी) के आतंकवादी और भारतीय भी हैं। ऐसे में जांच एजेंसी वहां के हालातों पर नजर बनाए रखे हुए है।
काबुल के गुरुद्वारे पर हमले की जांच भी कर रही NIA
अफगानिस्तान के काबुल में गुरुद्वारे पर 25 मार्च 2020 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इसमें भारतीय नागरिकों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसकेपी ने ली थी, जिसके बाद एनआईए ने एक अप्रैल 2020 को इस मामले में केस दर्ज किया था। पिछले साल ही सितंबर में एनआईए की टीम इस आतंकी हमले की जांच करने के लिए अफगानिस्तान गई थी।
हमलावरों में एक केरल का मुहसिन!
हथियारों से लैस आतंकियों ने गुरुद्वारे में घुसकर गोलीबारी की थी। एनआईए को शक है कि इन हमलावरों में केरल का रहने वाला मुहसिन भी शामिल था। इसी के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को अफगानिस्तान में रह रहे कुछ भारतीयों पर आतंकी संगठन से जुड़े होने का शक हुआ। एनआईए की शुरुआती जांच में ऐसे 25 भारतीय नागरिकों के नाम सामने आए हैं जो अफगानिस्तान में रह रहे हैं और इनका संबंध आतंकी संगठन से है।