रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। इतना ही नहीं चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि इन 5 गुणों वाली स्त्रियों के पति होते हैं बेहद सौभाग्यशाली आइये जानते हैं कौन से हैं वो पांच गुण।
1. धर्म के रास्ते पर चलने वाली: आचार्य चाणक्य ने कहा है कि , ऐसी स्त्री जो धर्म के रास्ते पर चलते हुए जीवन को आगे बढ़ाती है। यानी जिस स्त्री की ईश्वर पर आस्था हो, उसके घर में हमेशा खुशहाली आती है। ऐसी स्त्री के पति के साथ परिवार भी खुशहाल रहता है।
2. जिसकी इच्छाएं सीमित हों: आचार्य़ चाणक्य ने दूसरे गुण में कहा है कि जिस स्त्री की इच्छाएं सीमित होती हैं, उसका पति सौभाग्यशाली होता है। उन्होने तर्क दिया कि कई बार महिलाओं की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पति गलत काम कर जाता है।
3. धैर्य रखने वाली: आचार्य चाणक्य ने तीसरा गुण बताया है कि जिस स्त्री में धैर्य होता है वह हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होती है। उसके पति का जीवन हमेशा खुशहाल रहता है।
4. गुस्सा नहीं आता: आचार्य चाणक्य ने चौथा गुण बताया है कि जिस पत्नी को गुस्सा कम आता है, उसके पति के जीवन में खुशियां ही खुशियां रहती हैं।
5. मीठा बोलने वाली: आचार्य चाणक्य ने अंतिम औप पांचवा गुण बताया है कि जिस स्त्री की वाणी में मिठास नहीं होती है, वह अपने पति को मुश्किलों में डाल सकती है। अगर पत्नी की भाषा और बोली मीठी है तो उसके पति का जीवन खुशियों से भरा रहता है।