रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: मंगलवार को यूपी के कासगंज में कानपुर के बिररु कांड जैसी घटना सामने आई है। जहां शराब माफियाओं ने पुलीस टीम पर हमला कर एक सिपाही को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं दरोगा को भाला घोंपकर बुरी तरह से जख्मीं कर दिया गया। आपको बता दें कि इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस टीम पर हमले के बाद पुलिस भी अपनी कार्रवाई तेजकर दी है। बुधवार सुबह होते-होते पुलिस ने मुख्य आरोपी के भाई को मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिया। जबकि मुख्य आरोपी मोती धीमर की तलाश जारी है।
पुलिस टीम पर हमला कोई साधारण आदमीं नहीं करता, बल्की वह एक कुख्यात अपराधी होता है। आइये जानते हैं, मोती धीमर के क्राइम कुंडली के बारे में…
मोती धीमर ने पुलिस टीम पर उस वक्त हमला कर दिया जब पुलिस टीम कुर्की का नोटिस चस्पा करने उसके घर गई थी। इस दौरान शराब माफियाओं ने टीम पर हमला कर दिया। सिपाही को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार होने में भी कामयाब हो गया। जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
साल 2015 में मोती पर पहली बार आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसपर शराब के काले धंधे का आरोप लगा था। मोती धीमर सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के नगला धीमर का रहने वाला है। इसके पिता हुब्बलाल एक सामान्य किसान थे। हुब्बलाल के चार बेटे मोहर सिंह, एलकार, मोती और मानपाल हैं। मोती धीमर दो भाइयों से छोटा है।
आपको बता दें कि मोती धीमर अपराध की दुनिया में साल 2016 में कदम रखा था। उस वक्त मोती ने अपने पड़ोसी गांव दहेली खुर्द से लड़की का अपहरण कर लिया था। इस अपराध के बाद आरोपी मोती को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। साल 2016 में मोती पहली बार जेल गया था।
साल 2019 और 2020 में उस पर आबकारी के तीन और मुकदमे दर्ज किए गए। पिछले साल 2020 वाले मामले में वो अभी तक फरार है। जिसपर पुलिस और आबकारी विभाग ने दावा किया है कि वो लगातार कार्रवाई करते रहे लेकिन मोती बचता रहा। हद तो तब हो गई जब मंगलवार को पुलिसवाले कुर्की का नोटिस लेकर उसके घर पहुंचे, तो वह पुलिसवालों की जान लेने से भी नहीं बाज नहीं आया।
साल 2016 से ही मोती अपराध की दुनिया में अपना कदम मजबूत करने लगा। बीते इन पांच सालों में मोती धीमर सिढ़पुरा थाने का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बन गया। मोती धीमर पर अबतक अपहरण, अवैध शराब जैसे ग्यारह मुकदमे दर्ज हैं।
आपको बता दें कि कोर्ट की ओर से कुख्यात अपराधी मोती धीमर पर कुर्की की कार्रवाई भी की जा चुकी है। मोती धीमर का काफी लंबे समय से गांव में दहशत कायम है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उसे कानून का डर नहीं था। वह पुलिस पर सीधे फायरिंग करना शुरू कर देता था। कुछ स्थानीय पुलिसकर्मियों की छत्रछाया में मोती धीमर का अवैध शराब का कारोबार बढ़ता जा रहा था।
इस मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि इस वारदात में 4-6 अपराधी शामिल थे। पूरे गांव को घेर कर तलाशी की जा रही है। अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना का मुख्य आरोपी मोती धीमर बताया जा रहा है, जो सिढ़पुरा कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। उसपर पहले से ही 11 केस दर्ज हैं।