Uttrakhand News 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अयोध्या हारने के बाद बीजेपी पार्टी को एक और धर्मनगरी से हार मिली है। विधानसभा उपचुनावों मे उत्तराखंड के बद्रीनाथ सीट पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। चारों धामों में एक नाम बद्रीनाथ का भी आता है।
बद्रीनाथ एक विधानसभा क्षेत्र है, जहां विकास की दर अधिक होने के बावजूद भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में अयोध्या से भी भारी हार मिली।
बद्रीनाथ मे क्यों हार गई धामी सरकार:
दरअसल आपको बता दें कि बीते दिनों में धामी सरकार की पराजय का कारण वहां के स्थानीय लोगों और पुजारियों का नराज होना रहा था, जिसके चलते उन्होंने अनेकों विरोध-प्रदर्शन भी किए। पंडा समुदाय का कहना यह है कि वीआईपी दर्शन की सुविधाओं से सामान्य लोगों को दर्शन करने में असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि बद्रीनाथ में विकास तो किया गया परन्तु स्थानीय तौर पर कोई विकास नहीं किया गया और न ही यह जानने का प्रयास किया गया कि विकास से स्थानीय लोगों को किस प्रकार का नुकसान हो सकता है।
अलकनंदा का बढ़ा जलस्तर
बीते दिनों में मॉनसून की पहली बारिश से अलकनंदा नदी का अस्तित्व ही बदल गया। इस प्रकार से अलकनंदा का बढ़ता जलस्तर लोगों की चिंताओं को और भी अधिक बढ़ा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना यह है कि अभी किसी प्रकार की बाढ़ तो नही आई परन्तु कहा कि यहां के निर्माण कार्य का पूर्ण रूप से न होना नदी के बढ़ते जलस्तर का कारण बन गया है।
बद्रीनाथ का पूरा अस्तित्व शिलाओं पर टिका हुआ है परन्तु विकास के नाम पर उनको हटाया जा रहा है। शिलाओं के स्थान पर दीवारें बना दी गई हैं ,किन्तु लोगों का कहना है कि दीवारें कभी भी शिलाओं का स्थान नहीं ले सकती हैं। भविष्य में यदि कभी नदी का जलस्तर बढ़ा तो यह दीवारें कामयाब नही रहेंगी।
दिल्ली के केदारनाथ का उत्तराखंड मे विरोध
आपको बता दें कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने बीते दिनों दिल्ली मे बनने जा रहे केदारनाथ धाम के भूमि पूजन और शिलन्यास में हिस्सा लिया , और निर्माण के कार्य की देख-रेख केदारनाथ धाम ट्रस्ट कर रहा है।इसका विरोध उत्तराखंड के संत-समाज मे देखा जा रहा है।उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर की महता और अखंडता बनी रहनी चाहिए।
इसकी धार्मिकता को खराब नहीं किया जाना चाहिए। केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।वहीं सीतापुर के तेल अधिकारियों ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी के प्रति विरोध प्रदर्शन किया।
UCC को लागू करने का दिया हवाला
उत्तराखंड के सीएम पुषकर धामी ने राज्य मे यूसीसी एक्ट को लागू करने का दावा किया है।बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक मे धामी सरकार ने नवंबर मे होने वाले स्थापना दिवस से पहले राज्य में UCC को लागू करने का दावा किया है।
धामी ने कहा कि इसको सार्वजनिक कर दिया गया है चारों खंडो की वेबसाइट पर भी यह अपलोड़ कर दिया गया है ताकि आमजन तक भी इसकी जानकारी आसानी के पहुंच सके। उत्तराखंड विधानसभा में दो दिन तक बैठक चलने के बाद इसे पारित किया गया और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने भी इस पर अपनी मंजूरी दे दी है।भारतीय इतिहास मे ऐसा कानून बनाने वाला राज्य उत्तराखंड बन गया है।
THIS POST ID WRITTEN BY PRIYA TOMAR