उत्तरकाशी की महत्वाकांक्षी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग मार्च 2025 तक आरपार हो जाएगी। बीते वर्ष भूस्खलन के कारण सुरंग का काम दो माह तक बंद रहा था, लेकिन अब खोदाई कार्य ने गति पकड़ ली है। यमुनोत्री हाईवे पर 853.79 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह 4.5 किमी लंबी सुरंग चारधाम सड़क परियोजना के अंतर्गत बनाई जा रही है।
सुरंग निर्माण में आई थी बाधा
12 नवंबर 2023 को सिलक्यारा छोर पर हुए भूस्खलन के कारण सुरंग निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। इस हादसे में 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने में 17 दिन का समय लगा। इसके बाद जनवरी 2024 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद खोदाई कार्य दोबारा शुरू हुआ।
खोदाई कार्य मार्च 2025 तक पूरा होगा, सुरंग की खोदाई का कार्य अब अंतिम चरण में है।
बड़कोट छोर: यहां से 180 मीटर खोदाई शेष है, जो अगले तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी।
सिलक्यारा छोर: भूस्खलन से गिरे मलबे को हटाने के लिए ड्रिफ्ट टनल का निर्माण किया जा रहा है। तीन ड्रिफ्ट टनल में से दूसरी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
भूस्खलन के बाद की चुनौती
भूस्खलन के बाद सुरंग निर्माण में बड़ी चुनौतियां आईं। फरवरी 2024 में जमा पानी की निकासी के बाद खोदाई कार्य शुरू हुआ। अब तक 300 मीटर खोदाई का काम पूरा किया जा चुका है, जबकि 180 मीटर का कार्य शेष है।
फिनिशिंग और अन्य काम बाकी रहेंगे
मार्च 2025 तक खोदाई पूरी होने के बाद सुरंग की फिनिशिंग और अन्य आवश्यक कार्य किए जाएंगे। निर्माण कार्य को गति देने के लिए एनएचआईडीसीएल ने अतिरिक्त संसाधन लगाए हैं।
ड्रिफ्ट टनल का कार्य अंतिम चरण में
मलबा हटाने के लिए बनाई जा रही ड्रिफ्ट टनल में से दूसरी टनल जल्द ही पूरी हो जाएगी। इसके बाद तीसरी टनल का निर्माण शुरू होगा। ये टनल मलबा हटाने की प्रक्रिया को और सुगम बनाएंगी।
चारधाम सड़क परियोजना के अंतर्गत बन रही सिलक्यारा सुरंग उत्तराखंड के तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। यह परियोजना यमुनोत्री हाईवे को बेहतर और सुरक्षित बनाएगी। मार्च 2025 तक सुरंग का निर्माण पूरा होने के बाद क्षेत्र में यात्रा सुगम और तेज हो जाएगी।