केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहा है, और कांग्रेस इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा मानकर पूरी ताकत से जुटी हुई है। इस सीट पर कांग्रेस बदरीनाथ जैसी सफलता दोहराने का प्रयास कर रही है। इसका एक मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केदारनाथ धाम से गहरा जुड़ाव है, जिसे कांग्रेस चुनौती के रूप में देख रही है।
उपचुनाव में दिग्गज नेताओं की भागीदारी
पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता, विशेषकर गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के, कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के समर्थन में छोटी-छोटी सभाओं और जनसंपर्क अभियानों में जुटे हुए हैं। कांग्रेस हाईकमान ने सभी नेताओं को इस उपचुनाव में एकजुट होकर प्रचार करने का निर्देश दिया है। इस उपचुनाव में पार्टी का लक्ष्य पर्वतीय क्षेत्र के मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना है।
भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को चुनौती
कांग्रेस को उम्मीद है कि केदारनाथ में सफलता से उसे भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को निशाने पर लेने का अवसर मिलेगा। प्रदेश में भाजपा के किले में सेंध लगाने का कांग्रेस का यह एक और प्रयास है। हाल ही में दो विधानसभा सीटों पर मिली जीत से कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है, और अब वह इस उपचुनाव में भी उसी जोश के साथ उतरी है।
पार्टी की नज़रें केदारनाथ पर टिकीं
बदरीनाथ सीट पर मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में भी अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रही है। पार्टी का मानना है कि केदारनाथ में सफलता से उसे पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी पकड़ और मजबूत करने का मौका मिलेगा।