कानपुर के कांशीराम अस्पताल में रविवार को कोरोना से जलकल कर्मी समेत दो मरीजों की मौत पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे डीएम ने परिजनों को समझाकर शांत कराया।
शहर के पनकी निवासी 53 वर्षीय जलकल कर्मचारी 25 जुलाई से बुखार से पीड़ित थे। एक हफ्ते तक वह प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराते रहे। प्राइवेट पैथॉलाजी से जांच कराई तो कोरोना पॉजिटिव निकले। एक अगस्त को कांशीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि हालत खराब होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था लेकिन उपचार के दौरान मौत हो गई।
मौत की सूचना पर पहुंचे परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। परिजनों का कहना था कि जब वे जलकल कर्मी के हालचाल के लिए फोन करते थे तो बताया जाता था कि हालत ठीक है। अचानक मौत की सूचना दी गई। उनके घर में पत्नी समेत तीन लोग पॉजिटिव पड़े हैं। उन्हें टीम अस्पताल में भर्ती करने के लिए नहीं आ रही है। परिजनों ने अस्पताल के सामने सड़क पर लेटकर जाम लगाने का भी प्रयास किया।
मामले की जानकारी होने पर भारी पुलिसबल के साथ डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी पहुंचे और परिजनों की बात सुनी। डीएम के सामने मृतक की बेटी हाथ जोड़कर लेट गई। डीएम ने भी हाथ जोड़कर उन्हें समझाया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम से बात कर उनके घर के पॉजिटिव लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश दिए। इसके बाद परिजन शांत हुए।
उधर, खलासी लाइन निवासी 80 वर्षीय वृद्ध को सोमवार को भर्ती कराया गया था। उनकी भी अस्पताल में मौत होने के बाद परिजनों ने हंगामा किया। डीएम ब्रह्मदेव रात तिवारी ने बताया कि इलाज लापरवाही के आरोपों की जांच होगी।