उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना औसतन 5000 हजार नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। बुधवार को प्रदेश में 5898 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले जिसके बाद अब यूपी में कोरोना संक्रमित हो चुके मरीजों की संख्या दो लाख के पार पहुंच चुकी है। इस दौरान प्रदेश में 82 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा 1.44 लाख टेस्टिंग हुई हैं। इस इस वक्त प्रदेश में 51,317 एक्टिव मामले हैं जिसमें से 25,279 होम आइसोलेशन में हैं। 58,296 की अवधि खत्म हो चुकी है। अब तक 83,575 मरीज होम आइसोलेशन का फायदा उठा चुके हैं। इस समय 2341 प्राइवेट अस्पतालों और 250 एल-1 प्लस की सुविधा वाले होटलों और गेस्ट हाउसों में हैं।
लखनऊ में सबसे ज्यादा 759 संक्रमित मिले
बुधवार को लखनऊ में सबसे ज्यादा संक्रमित मामले 759 मिले जबकि सबसे ज्यादा 9 मौतें गोरखपुर में हुई। बुधवार को हुई 82 मौतों में सबसे ज्यादा गोरखपुर में नौ, लखनऊ में आठ, सहारनपुर में छह, महाराजगंज में पांच कोरोना मरीजों की मौत हुई। इसके अलावा कानपुर, वाराणसी और मुरादाबाद में 4-4, प्रयागराज, बरेली, बाराबंकी, शाहजहांपुर, बस्ती और रायबरेली में 3-3, झांसी, मेरठ, पीलीभीत, इटावा और सोनभद्र 2-2 जबकि नोएडा, अयोध्या, रामपुर, गोंडा, हरदोई, बुलंदशहर, मथुरा, सुलतानपुर, संतकबीरनगर, हापुड़, बदायूं, मैनपुरी, जालौन और श्रावस्ती में 1-1 मौत हुई है।
कोरोना मरीजों को अस्पताल भेजने में देरी की तो होगी कार्रवाई
निजी अस्पतालों में भर्ती सामान्य मरीज के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कोविड अस्पताल में भेजने की प्रक्रिया लम्बी है। जब तक उसे कोविड अस्पताल भेजा जाता है, उसकी हालत बिगड़ चुकी होती है। ऐसे कुछ मामले सामने आए जिसके बाद बुधवार को लखनऊ के डीएम ने 12 प्रमुख निजी अस्पतालों के प्रबंधन को बुलाया और निर्देश दिया कि एक रिजर्व एम्बुलेंस रखें। कोविड अस्पताल भेजने की प्रक्रिया में देरी न हो। लापरवाही दिखी तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल का पंजीकरण भी निरस्त कर दिया जाएगा।