भ्रष्टाचार के मामलों में यूपी कैडर के दो आईपीएस इस समय अपने ही विभाग के लिए ‘वांटेड’ हो गए हैं। वे अपराधियों की तरह छिपते फिर रहे हैं।
पुलिस की टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं। गृह विभाग का दावा है कि यह प्रदेश में पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़े अधिकारियों खासतौर पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई हो रही है।
वर्ष 2003 बैच के आईपीएस और डीआईजी पद पर तैनात रहे अरविन्द सेन और वर्ष 2014 बैच के आईपीएस और महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार अलग-अलग मामलों में अभियुक्त हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हैं। अरविन्द 22 अगस्त से और मणिलाल नौ सितंबर से निलंबित हैं।