रिपोर्ट: निहाल राठौर
नई दिल्ली: उन्नाव पुलिस ने रविवार को आठ ट्विटर अकाउंट होल्डर्स पर तीन दलित लड़कियों को “जहर देने” के मामले मे भ्रामक जानकारी फैलाने को लेकर FIR दर्ज किया है। जिससे जिले में दो की मौत हो गई। इसमे पत्रकार बरखा दत्त की एक मल्टीमीडिया कंटेंट कंपनी सहित कई और कंपनियां शामिल है।
आठ ट्विटर अकाउंट होल्डर्स @NilimDutta, Dutt’s @themojostory, @jajagranlive, @SurajKrBaudh, @VijayAmbedkarUP, @ Abhayavumarazad97, @Rahuldiwkr और @BhimSenaChief हैं। इसके अलावा कई और अकाउन्ट्स है जो यूपी पुलिस को रविवार को ट्विटर पर नहीं मिल सके, जिसे अभी तक पुलिस पता लगा रही है।
आपको बता दे कि इन ट्विटर अकाउंट्स में एक नाम मशहुर पत्रकार बरखा दत्त का भी है। पुलिस के मुताबिक पत्रकार ने इस खबर को लेकर गलत रिपोर्टिंग की है, जिस कारण इनपर और इनके मीडिया संस्थार मामला दर्ज किया गया है। हालांकि केस दर्ज होने के बाद से ही बरखा दत्त लगातार ट्विटर पर पुलिस को लेकर हमलावर है, बरखा ने कई ट्विट करके पुलिस के इस कदम की कड़ी आलोचन की है।
The update on this : just when you thought it couldn’t get any more shocking the Unnao Police has refused to even give us a copy of the FIR in total violation of my legal rights, and without which we cannot appeal for judicial intervention. Brazen Harassment and bullying.
— barkha dutt (@BDUTT) February 21, 2021
Even more suspicious is how Unnao Police has clubbed us with a bunch of politicians. The police claim the FIR against us (upto 1 year in prison) is for mentioning sexual assault, which we NEVER did. Before fact checking @themojostory the UP Police needs to factcheck its FIR
— barkha dutt (@BDUTT) February 21, 2021
उन्नाव पुलिस के एक बयान में कहा गया कि, “आठ ट्विटर हैंडल ने फर्जी, भ्रामक जानकारी पोस्ट की, जिससे आम लोगों में गुस्से का माहौल बन गया था। इन पोस्टों से फैलाई गई जानकारी सच्चाई से परे थी। औऱ पोस्टमार्टम रिपोर्ट के विरोधाभासी थी, जिसमें दावा किया गया है कि लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया था और परिवार के सदस्यों के विरोध के बावजूद शवों को जलाने का प्रयास किया गया था।
जबकी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह पाया गया कि लड़कियों का बलात्कार नहीं हुआ था। लड़कियों के शव उनके परिजनों की सहमति और बिना किसी दबाव में दफनाए गए थे। आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत उन्नाव कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
उन्नाव एएसपी विनोद कुमार पांडे ने कहा कि “जो सूचना सोशल मीडिया पर साझा की गई वो गलत और भ्रामक थीं। इस बारे में, हमने नौ ट्विटर हैंडल के खिलाफ उन्नाव कोतवाली में मामला दर्ज किया है, ”।