1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP Panchayat Election : कोरोना से हो रही मौतों से कर्मचारियों में डर का माहौल, मतगणना रोकने की कर रहे मांग

UP Panchayat Election : कोरोना से हो रही मौतों से कर्मचारियों में डर का माहौल, मतगणना रोकने की कर रहे मांग

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
UP Panchayat Election : कोरोना से हो रही मौतों से कर्मचारियों में डर का माहौल, मतगणना रोकने की कर रहे मांग

रिपोर्ट- पल्लवी त्रिपाठी 

उत्तर प्रदेश : कोरोना संक्रमण लगातार अपने पांव पसार रहा है। कोरोना से संक्रमित होने वालों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में काउंटिंग कर रहे कर्मचारी सहमे हुए हैं। क्योंकि कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए कर्मचारियों ने मतगणना रद्द करने की मांग उठाई है। 

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया- ‘जब कोरोनावायरस अपना पैर पसार रहा था, तभी हमने चुनाव आयोग से चुनाव टालने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने हमारी एक न सुनी और चुनाव करवाने में व्यस्त रहा। आज ये भयावह स्थिति आ गई है कि कई कर्मचारी संक्रमित होकर कोरोना से मौत के मुंह में जा चुके हैं।’

विनय ने कहा कि ‘लगभग 100 से ज्यादा शिक्षकों ने इस पंचायत चुनाव में अपनी जान गंवाई है। क्या अब भी मतगणना कराना जरूरी है? आखिर उसे टाल क्यों नहीं दिया जाता, ताकि हम लोगों की जान बची रहे और हम अपने परिजनों के साथ सुरक्षित रहें। विनय सिंह का कहना है कि सिर्फ बेसिक शिक्षकों को ही सारे कामों में लगाया जाता है जबकि राजकीय शिक्षकों और माध्यमिक शिक्षकों से चुनाव के दौरान कोई ड्यूटी नहीं ली जा रही।’ 

वहीं, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने बताया कि ‘चुनावी ड्यूटी के दौरान हमने सरकार से सुरक्षा किट्स की मांग की। लेकिन हमारी मांगो को पूरा नहीं किया गया और अब इसके कारण आज कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और कुछ लोग तो इस महामारी में अपनी जान भी गंवा चुके हैं। हमारी मांग है कि काउंटिंग को स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि स्थिति भयावह हो चुकी है और अब लोग डरे-सहमे हुए हैं। क्योंकि कई कर्मचारियों के घर में मौतें हो चुकी हैं।’

उनका कहना है कि इस परिस्थिति में कोई जरूरी नहीं है कि मतगणना की जाए। पहले वोटिंग के दौरान इनकी ड्यूटी लगाई गई और अब काउंटिंग के दौरान लगा दी गई। एक बार किसी तरह से कोरोना संक्रमण से निकले ही थे कि फिर दूसरी बार उनकी ड्यूटी मतगणना में लगा दी गई। कल देखिएगा जो चुनाव होगा उनके सभी बूथ खाली चलेंगे, क्योंकि लोग एप्लीकेशन दे रहे हैं और कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट दे रहे हैं। 

हरि किशोर तिवारी ने आगे कहा, इस मतगणना को सरकार तुरंत रोके और जहां भी चुनाव हो रहे हैं वहां लोगों को पीपीई किट, सैनिटाइजर के साथ भेजा जाए। अगर मतगणना के लिए सहमति बनती है तो जो मतगणना करेगा पूरी कोरोना रिपोर्ट ली जाए और फिर उन्हें मतगणना का हिस्सा बनाया जाए। 

सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि मतगणना के दौरान मतगणना सेंटर पर आए हुए सारे कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षकगण सभी मतपत्रों को अपने-अपने हाथों से चुनेंगे। ऐसे में ये कौन बता सकता है कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं? 

खंड शिक्षा अधिकारी संघ के जनरल सेक्रेटरी वीरेंद्र कनौजिया की मानें तो संघ की तरफ से राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है कि मतगणना में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं है। इस भयावह स्थिति में मतगणना तत्काल स्थगित कर दी जाए। खंड शिक्षा अधिकारी संघ ने ये भी मांग की है कि चुनाव ड्यूटी में लगे जिन लोगों की कोरोना से जान गई है, उनके परिजनों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा और नौकरी दी जाए। 

 

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...