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बृज की गोपियों के संग बरसाने में खेली जायेगी अनोखी होली, धूमधाम से मनाया जाएगा उत्सव

By: Amit ranjan 
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बृज की गोपियों के संग बरसाने में खेली जायेगी अनोखी होली, धूमधाम से मनाया जाएगा उत्सव

रिपोर्ट : अमित श्रोत्रिय

बरसाना (मथुरा) : नंदगांव-बरसाना की लठामार होली के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। एक तरफ बरसाने की नारियां पौष्टिक भोजन ले रही हैं, वहीं नंदगांव के हुरियारे अपनी ढाल और ड्रेस को संवारने में लगे हैं। आपको बता दें कि 22 मार्च को लड्डू होली, 23 मार्च को बरसाना में लठामार होली खेली जाएगी। बरसाना की लठामार होली के दूसरे दिन यानी 24 मार्ग को नंदगांव में लठामार होली का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

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बरसाने की लठमार होली यूं तो समूचे विश्व में अपनी अलग पहचान के लिए जानी जाती है, जहां देश की अलग अलग जगहों पर होली रंग गुलाल का त्यौहार है। वहीं राधा कृष्ण की नगरी बरसाना और नंदगांव में इसके मायने ही बदल जाते हैं, क्योंकि बृज के कन्हैया ने बृज की गोपियों के संग अनोखी होली जो खेली हैं। बरसाने की होली में ब्रज गोपी सोलह श्रृंगार करके अपने हाथों में लट्ठ लेकर नंदगांव के आएं कृष्ण रूपी हुरियारों पर लाठियां बरसाएंगी। देश-दुनियां के कोने-कोने से श्रद्धालु भक्त होली देखने के लिए बरसाना पहुंचेंगे।

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बरसाने की होली की खास बात यह है कि बरसाना की वैवाहिक महिलाओं को ही लठमार होली में लठ चलाने दिया जाता है जो महिलाएं लठामार होली खेलेंगी, उनके परिजन उन्हें पौष्टिक भोजन दे रहे हैं। लाठियों को तेल पिलाया जा रहा है। बरसाना-नंदगांव की इस अनोखी लठमार होली में दोनों गांवों की बेटियों को लठ चलाने की इजाजत नहीं हैं। दोनों गांवों की लड़कियां आम दर्शकों की तरह दर्शन दीर्घा में बैठकर यह होली देखती हैं। नंदगांव के हुरियारे अपनी ढाल को ठीक कर रहे हैं और बगलबंदी, धोती आदि सिलवा रहे हैं। बरसाने की हुरियारिनें, नंदगांव के हुरियारों पर जमकर लाठियां भांजेंगी। यह लाठियां कोई लड़ाई झगड़े के लिए नहीं बल्कि वर्षों पुरानी राधा कृष्ण की प्रेम रूपी परंपरा को निभाते हुए प्रेम पगी लाठियों से नंदगांव बरसाने की होली होगी । होली में लाठियां तो चलती हैं लेकिन उन लाठियों से किसी को चोट नहीं लगती, लाठी खाने वाले हुरियारे हंसकर होली की लाठियों को सहते हैं,  जिसको देखने के लिए दुनियाभर से लोग बरसाना नंदगांव आते हैं ।

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बता दें कि इससे पहले हुरियारे नंदबाबा मंदिर में आशीर्वाद के बाद पताका लेकर बरसाना के लिए निकलेंगे। हुरियारे पीली पोखर पहुंचेंगे। साज-सज्जा और ढाल कसने के बाद रसिया गाते हैं, फिर लाड़िली जी मंदिर की ओर बढ़ जाते हैं। दर्शन के बाद वापसी में रंगीली गली में लठामार होली खेली जाती है। सुबह से ही बरसाना की हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों का इंतजार करती हैं, बरसाना की हुरियारिनें घंटों नंदगांव के हुरियारों पर लाठियां बरसाती हैं। तड़ातड़ पड़ती लाठियों की आवाज सुन देशी-विदेशी भक्त प्रफुल्लित हो जाते हैं। और वहां होली देख रहे जिस दर्शक के ऊपर बरसाना की हुरियारिनों की लाठी लग भी जाती है वह खुद को भाग्यशाली समझता है ।

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