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UK NEWS: उत्तराखंड में 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता लागू करने का सीएम धामी ने किया ऐलान

प्रदेश में 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता यानि की (Uniform Civil Code) लागू हो जाएगा। इस बात का संकल्प उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ले लिया है।

By: Priya Tomar 
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UK NEWS: उत्तराखंड में 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता लागू करने का सीएम धामी ने किया ऐलान

UK NEWS: प्रदेश में 9 नवंबर से पहले समान नागरिक संहिता यानि की (Uniform Civil Code) लागू हो जाएगा। इस बात का संकल्प उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ले लिया है।

सीएम का कहना है कि “हमने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिन्हें समय से लागू नहीं किया गया जैसे पिछली सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति की जिसे आज तक लागू नहीं किया।

वहीं दूसरी ओर यूसीसी विधेयक प्रदेश में जल्द ही लागू किया जाएगा। और इसे प्रदेश सरकरा के संकल्प से 9 नवंबर से पहले राज्य में लागू करने की बात कही है।

सीएम धामी ने बताया इस एक्ट को विरासत

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “हमने धर्म परिवर्तन को लेकर देवभूमि की पहचान को बनाए रखने के लिए भी बड़ा काम किया है ताकि राज्य का मूल स्वरूप बरकरार रह सके।

इसके साथ बही इसे बनाकर चलना और आगामी पीढी को इस विरासत के रूप में देना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। इस संबंध में भाजपा सरकार ने इस वर्ष 6 फरवरी को उत्तराखंड के विधानसभा विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया था. जिसमे एक दिन के बाद 7 फरवरी को इसे पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया गया ।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?

दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड का संबंध हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम लागू करने से है।

यदि समान शब्दों में कहें तो समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून सभी के लिए लागू होना जैसे कि सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम सभी के लिए एक ही होना।

इसके साथ ही भारत के संविधान में अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है।

एक्ट का लागू होना प्रदेश का ऐतिहासिक दिन : धामी

सीएम का कहना है कि जिस दिन प्रदेश में यूसीसी विधेयक पारित होगा वह दिन उत्तराखंड के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन होगा।

इस एक्ट को लागू करने का उद्देश्य समान व्यक्तिगत कानूनों का एक सेट स्थापित करना है और दो सभी लोगों के हित में हो। जो सभी नागरिकों पर लागू होते हैं, चाहे उनका धर्म, लिंग या जाति कुछ भी हो. इसमें विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे विषय शामिल होंगे।

 

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