रिपोर्ट: सत्यम दुबे
भोपाल: कोरोना का दूसरा लहर देश में तबाही मचा दिया है, लोग ऑक्सीजन और दवाइयों के बिना लगातार दम तोड़ रहे हैं। संक्रमण इतना तेजी से फैल रहा है कि देश में एंबुलेंस और बेड की कमीं हो गई है। लेकिन इसी बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसे जानकर आप भी दुआएं देने से अपने आप को रोक नहीं पायेंगे। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो ऐसे डॉक्टरों की के फर्ज की तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर हर कोई उनको सैल्यूट कर रहा है। दोनों डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हैं, वह अस्तपाल में भर्ती हैं, लेकिन इसके बाद भी वह फर्ज नहीं भूले। कोविड वार्ड में संक्रमित मरीजों का इलाज करने में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि इन दोनों डॉक्टरों का नाम अनुभव अग्रवाल और डॉ. अनुराधा चौधरी हैं। दोनों अपना अपना ख्याल रखने के साथ ही कोविड वार्ड में दूसरे मरीजों की देख रेख कर रहे हैं। इस दौरान दोनों डॉक्टरों ने कहा कि डॉक्टरी पेशा कोई जॉब नहीं है, बल्कि यह मानव सेवा है। खासकर ऐसी मुश्किल घड़ी में अगर हम अपनी ड्यूटी और फर्ज नहीं निभाएंगे तो हमारी डॉक्टर की डिग्री लेने का क्या फायदा। उन्होने आगे कहा कि मरीज भगवान के बाद डॉक्टरों के भरोसे रहते हैं, इसलिए हम उनका भरोसा नहीं तोड़ना चाहते हैं।
डॉक्टर अनुभव अग्रवाल भोपाल की सबसे बड़ी अस्तपताल हमीदिया में भर्ती हैं। वह 16 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। उन्होने बताया कि वह एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। वो आगे कहते हैं, मैंने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि मरीजों के इलाज करने में जुट गया। उन्होने आगे कहा कि कि मैं खुद पॉजिटिव हूं, समझ सकता हूं कि एक मरीज के दिल पर क्या बीतती है। इसलिए उनकी सेवा करने में लगा हुआ हूं। डॉक्टर अनुभव अग्रवाल का जीएमसी से एमडी मेडिसिन थर्ड ईयर चल रहा है।
इसके साथ ही डॉ. अनुराधा चौधरी, यह भी हमीदिया अस्पताल के ए ब्लॉक के सैकंड फ्लोर पर भर्ती हैं। वह अपने साथ-साथ मरीजों का भी पूरी जिम्मेदारी के साथ ख्याल रख रही हैं। सुबह-शाम और दोपहर में अपने वार्ड में एक-एक करके सभी मरीजों को देखती हैं। इस दौरान उन्होने बताया कि अगर में बीमार बनकर बैठ जाऊंगी तो इन मरीजों को कौन दिखेगा। मैं उनके पास वार्ड में मौजूद हूं तो मेरा फर्ज है उनको देखना। अनुराधा चौधरी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह पिछले 10 दिन से कोरोना संक्रमित हैं।
इसके साथ ही शहडोल जिलें को कोरोना मुक्त करने के लिए अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। इनके जिम्मे शहडोल मेडिकल कॉलेज हैं जहां जाकर वह सारी व्यवस्था देख रहे हैं। जबकि उनकी मां संक्रमित होने के बाद शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में एडमिट हैँ। वहीं उनकी पत्नी भी संक्रमित हैं। लेकिन वह अपने फर्ज की खातिर ड्यूटी से पीछे नहीं हटे।